Friday, November 22, 2024
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डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर IMA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, रखीं ये 5 मांगें

कोलकाता के आर जी कर अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना सामने आई। इसके बाद अस्पताल में तोड़फोड़ भी की गई। वहीं इन घटनाओं के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। डॉक्टरों के इस संगठन ने पीएम मोदी से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है।

Edited By: Amar Deep
Updated on: August 17, 2024 21:41 IST
IMA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र।- India TV Hindi
Image Source : PTI IMA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र।

नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोलकाता मामले को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर पीएम मोदी से स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने और अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है। बता दें कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आया। वहीं इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में तोड़फोड़ भी की थी। फिलहाल इस पूरी घटना के विरोध में आईएमए ने शनिवार को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए देश भर में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया है। 

IMA ने रखी पांच मांगें

आईएमए ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी पांच मांगें रखी हैं। आईएमए ने एक बयान में कहा कि सभी आवश्यक सेवाएं जारी रखी जा रही हैं और आपातकालीन वार्ड में कर्मियों की तैनाती की गई है। आईएमए ने कहा, ‘‘पीड़िता 36 घंटे की शिफ्ट में काम करती थी। आराम करने के लिए सुरक्षित स्थान तथा पर्याप्त शौचालयों की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और ठहरने की स्थिति में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है।’’ आईएमए ने यह भी मांग की है कि अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए, जिसमें पहला कदम अनिवार्य सुरक्षा अधिकार होना चाहिए। डॉक्टरों के शीर्ष संगठन ने कहा, ‘‘अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल हवाई अड्डों से कम नहीं होने चाहिए। अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है। सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है।’’ 

केंद्रीय कानून की मांग

आईएमए ने डॉक्टरों की हिफाजत के लिए एक केंद्रीय कानून की भी मांग की है। आईएमए ने एक निश्चित समय सीमा में अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर तरीके से जांच करने तथा न्याय प्रदान करने की मांग की, साथ ही बर्बरता में शामिल लोगों की पहचान करने और इसमें शामिल लोगों के लिए कठोर सजा की मांग की। आईएमए ने कहा, ‘‘आर जी कर की घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो आयामों को सामने ला दिया है: महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण बर्बर पैमाने का अपराध और संगठित सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी के कारण होने वाली गुंडागर्दी। अपराध और बर्बरता ने राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।’’ 

60 प्रतिशत भारतीय डॉक्टर महिलाएं

आईएमए ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों की भी सराहना की। आईएमए ने कहा, ‘‘हम आपसे इस समय हस्तक्षेप की अपील करते हैं। इससे न केवल महिला डॉक्टरों को बल्कि कार्यस्थल पर काम करने वाली हर महिला को आत्मविश्वास मिलेगा।’’ आईएमए ने कहा कि 60 प्रतिशत भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं। आईएमए ने कहा कि दंत चिकित्सा पेशे में महिलाओं की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत, फिजियोथेरेपी में 75 प्रतिशत और नर्सिंग में 85 प्रतिशत है। डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि सभी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को कार्यस्थल पर शांतिपूर्ण माहौल, सुरक्षा और संरक्षा मिलनी चाहिए। आईएमए ने कहा, ‘‘हम अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करने को लेकर आपके हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।’’ (इनपुट- अविनाश तिवारी)

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