Highlights
- डॉग के काटने पर मालिक को जाना पड़ सकता है जेल
- डॉग को बाहर ले जाते समय एंटी बाइट मास्क जरूर लगाएं
- पालतू डॉग को एंटी रेबीज समेत अन्य टीके जरूर लगवाएं
Guidelines for Pet Dogs: आए दिन डॉग बाइट से लोगों के घायल होने या मौत होने की खबरें आती रहती हैं। आज नोएडा के सेक्टर 100 स्थित एक सोसायटी में डॉग के काटने से आठ माह की एक मासूम बच्ची की जान चली गई। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची की आंत तक बाहर आ गई थी। शरीर में दर्जनों जगह गंभीर जख्म थे। इससे पहले भी नोएडा समेत एनसीआर में गत एक माह में डॉग बाइट के कई खतरनाक वीडियो सामने आ चुके हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर डॉग काटने के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि डॉग के काटने पर पीड़ित के पास क्या-क्या कानूनी अधिकार हैं और डॉग पालने वाले के लिए किस गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है?... अगर आवारा डॉग किसी को काट ले तो क्या किया जा सकता है?
आम तौर पर शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में लोग डॉग पालते हैं। इसके लिए वह सभी नियम-कानून से तो अनभिज्ञ होते ही हैं। साथ ही साथ सामान्य व्यवाहारिक नियम से भी पालक अनजान होते हैं या फिर जानबूझकर कुछ लोग लापरवाही बरतते हैं। वैसे डॉग को सबसे वफादार जानवरों में गिना जाता है। इसकी कई नस्लें भी होती हैं। शहरों में ज्यादातर लोग हाइब्रिड डॉग पालते हैं। इनमें से कुछ डॉग बहुत खतरनाक होते हैं, जिन्हें काबू में नहीं रखा जाए तो वह किसी को भी मिनटों में चीथड़ा बना सकते हैं। गलियों में घूमने वाले आवारा देशी डॉग भी खतरनाक किस्म के होते हैं। वह कई बार दौड़ कर लोगों को काटते हैं।
आवारा डॉग और पालतू डॉग दोनों ही खतरनाक
आमतौर पर लोग अपने घरों की सुरक्षा के लिए डॉग को पालते हैं। मगर वह कई बार दूसरों के लिए असुरक्षा का कारण बन जाते हैं। खास तौर पर तब, जब आपके घर कोई मित्र, परिचित या रिश्तेदार अथवा पड़ोसी आता है या फिर आप डॉग को लेकर कहीं पार्क, मैदान, गली या लिफ्ट अथवा सोसायटी में निकले होते हैं। इस दौरान डॉग बेकाबू हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वह किसी न किसी पर हमला बोल कर उसे घायल कर देते हैं। यही हाल आवारा डॉग का है, जिन्हें कोई नहीं पालता है, लेकिन वह गलियों में झुंड बनाकर बैठे होते हैं या कहीं चुपचाप लेटे रहते हैं। मगर जब कोई उनके पास से गुजरता है तो उनमें से कई डॉग अचानक हमला कर देते हैं। ऐसे वक्त में खुद को संभाल पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कम से कम पालतू डॉग रखने वालों के लिए यह जानना जरूरी है कि इसके नियम क्या हैं।
डॉग पालने के जरूरी नियम
- डॉग पालने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उसे रेबीज का टीका जरूर लगवाएं। इसके अलावा समय-समय पर उसके अन्य टीकाकरण भी करवाते रहें।
- घर में डॉग होने पर लोगों को सावधान करने वाला बोर्ड जरूर लगाएं।
- कहीं बाहर घुमाने ले जाएं तो एंटी डॉग बाइट मास्क जरूर लगाएं।
- यह मास्क नायलान, जूट या सूत का बना खोंचनुमा हो सकता है। इसे लगाने से डॉग अपना मुंह नहीं खोल पाता।
- डॉग पालने वाले लोग नगर निगम में जाकर उसका रजिस्ट्रेशन अवश्य कराएं। इसे समय-समय पर रिन्यू करवाते रहें।
- इसके लिए कई बार आपको अपने पड़ोसियों से एनओसी भी लेना पड़ सकता है, लेकिन यह हमेशा अनिवार्य नहीं है।
- डॉग को बाहर लेकर निकलें तो उसके गले में पट्टा लगा हो और रस्सी का कंट्रोल आपके हाथ में हो। साथ में डंडा होना भी जरूरी है।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की गाइडलाइन
- भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अनुसार कोई भी सोसासटी पालतू जानवर रखने पर रोक नहीं लगा सकती।
- मालिक के आलावा लाइसेंसधारी किरायेदार भी अपने फ्लैट या मकान में पालतू जानवर रख सकते हैं।
- डॉग के भौंकने के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। क्योंकि यह डॉग की सामान्य प्रक्रिया है।
- इसके साथ कोई भी व्यक्ति भेदभाव नहीं कर सकता है। डॉग को पालना या नहीं पालना स्वैच्छिक है।
- कोई सोसायटी डॉग को लिफ्ट में लाने या ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकती।
- निजी सोसायटी सुरक्षा की दृष्टि से पार्क व परिसर में डॉग लाने-ले जाने का समय निर्धारित कर सकती हैं।
डॉग के काटने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई
अगर किसी व्यक्ति को डॉग अपना शिकार बना लेता है और उस डॉग का कोई मालिक है तो उसके खिलाफ पीड़ित आइपीसी की धारा 289 के तहत कार्रवाई कर सकता है। इससे मालिक को छह माह तक की जेल अथवा एक हजार रुपये से लेकर अन्य सीमा तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना नगर निगम भी लगा सकता है। डॉग के काटने से अगर किसी की मौत हो जाती है तो फिलहाल जुर्माना देने का कोई नियम नहीं है। वहीं यदि आवारा डॉग काट ले तो इसके लिए इलाके के नगर निगम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इसका कोई नियम नहीं है।
डॉग के काटने पर बरतें यह सावधानी
अगर आप या आपका बच्चा डॉग बाइट का शिकार हो चुका है तो इसके तत्काल किसी सरकारी अस्पताल ले जाएं। वहां एंटी रेबीज का टीका लगवाएं। एंटीरेबीज का पहला टीका 72 घंटे के अंदर लग जाना चाहिए। मगर इसके लिए 24 घंटे बीतने या 72 घंटे आने का इंतजार नहीं करें। डॉग काटने के तुरंत बाद टीका जरूर लगवा लें। पहले टीके के बाद अन्य सभी टीके भी नियमित रूप से लगवाते रहें। अगर कोई भी टीका मिस हुआ तो यह रेबीज का कारण हो सकता है, जो कि लाइलाज बीमारी है। डॉग के काटने पर किसी घरेलू इलाज, टोटका या झाड़फूंक में भरोसा नहीं करें। इससे डॉग को रेबीज होने पर घायल की 100 फीसद जान जा सकती है।