नई दिल्ली: आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की अब केंद्र सरकार ने जांच कराने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए केंद्र सरकार ने एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। पूजा खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के एक सीनियर अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
पुणे पुलिस भी कर रही जांच
वहीं पुणे पुलिस ने भी पुणे में पदस्थापन के दौरान उनकी निजी कार पर अनधिकृत तौर पर ‘लाल और नीली’ बत्ती लगाने तथा महाराष्ट्र सरकार की ‘नेमप्लेट’ लगाने की जांच कर रही है। खेडकर द्वारा इस्तेमाल की गयी ऑडी कार एक प्राइवेट कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है और पूर्व में इस के खिलाफ चालान काटे गये हैं।
वाशिम में संभाला पदभार
32 वर्षीय परिवीक्षाधीन अधिकारी खेडकर ने अलग केबिन और कर्मियों की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था जिसके बाद प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही उनका तबादला पुणे से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम में कर दिया गया। उन्होंने बृहस्पतिवार को वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के तौर पर अपना पदभार संभाला। पूजा खेडकर पर ये आरोप भी हैं कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र सौंपे थे।
पुलिस की टीम पुणे के बंगले पर पहुंची
जब पुणे पुलिस की एक टीम बृहस्पतिवार को यहां पाषाण क्षेत्र में खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। पुणे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में कहा, ‘‘ऑडी कार से संबंधित कथित उल्लंघन के सिलसिले में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। पाया गया है कि खेडकर ने जो कार इस्तेमाल की थी, वह एक निजी कंपनी के नाम से पंजीकृत थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले की गहन जांच की जाएगी क्योंकि उनकी निजी गाड़ी पर ‘लाल-नीली’ बत्ती लगायी गयी थी और उस पर ‘महाराष्ट्र शासन’ की नेमप्लेट भी लगी थी। अतीत में उस कार के खिलाफ चालान भी काटे गये थे लेकिन हम उन उल्लंघनों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो गाड़ी से किए गए हैं।’’ (इनपुट-भाषा)