नई दिल्ली: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ मृतक आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की पत्नी उमा कृष्णैया ने जेल से समय से पहले रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव करके आनंद मोहन को रिहा किया है। वहीं इससे पहले भी उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था और कहा था कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
बिहार कारा हस्तक में किया गया था बदलाव
बता दें कि 14 साल की जेल की सजा पूरी होने के बावजूद आनंद मोहन को सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण रिहाई नहीं मिल पा रही थी। राज्य सरकार ने इसी माह 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव को कैबिनेट की स्वीकृति दी थी। बता दें कि 10 अप्रैल को नीतीश सरकार ने बिहार राज्य कारा हस्तक 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन किया था। इसके बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। दरअसल, बिहार सरकार कारा हस्तक से उस वाक्यांश को ही विलोपित कर दिया था, जिसमें सरकार कर्मचारी की हत्या का जिक्र था।
DM की हत्या के मामले में हुई थी सजा
बता दें कि 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन DM जी कृष्णैया की गोली मारकर हत्या हुई थी। हत्या के इस मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी। आनंद मोहन को साल 2007 में इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी। 2008 में पटना हाई कोर्ट की ओर से ही इस सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया।