रक्षाबंधन का त्योहार बीत चुका है। देशभर में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है। इस राखी का मतलब होता है कि भाई किसी भी परिस्थिति में अपनी बहन का साथ नहीं छोड़ेगा और किसी भी स्थिति में बहन की रक्षा करेगा। इस दिन भाई बहनों को कई तरह के तोहफे भी देते हैं। लेकिन क्या हो जब भाई अपनी बहन के जीवन को बचाने के लिए अपने शरीर का एक अंग ही दान कर दे। ऐसी ही कहानी तेलंगाना के हैदराबाद में देखने को मिली है। पुणे के रहने वाले एक भाई ने अपनी बहन के जीवन की रक्षा के लिए अपनी एक किडनी को दान कर दिया है।
रक्षाबंधन पर बहन को भाई ने किडनी किया दान
न्यूज एजेंसी एएनआई से दुष्यंत वरकर और शीतल भंडारी ने बात की। इस बातचीत में शीतल भंडारी ने बताया कि वो डायलिसिस के बाद कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थीं। शीतल ने कहा, 'यह उनके जीवन का सबसे यादगार पल है। शरीर में कमजोरी के कारण मैं काम करने में असमर्थ थी। ऐसे में भाई ने साहसी फैसला लिया कि वह अपनी किडनी मुझे दान करना चाहता है। हालांकि हमने किडनी दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।' शीतल ने कहा कि जून महीने में किडनी का सफल ट्रांसप्लांट किया गया। उन्होंने कहा कि हर बहन का एक भाई होना चाहिए जो किसी भी परिस्थिति में उसकी मदद कर सके। भाई-बहन के रिश्ते को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
ट्रांसप्लांट हुआ सफल
दुष्यंत वरकर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि मेरी बहन साल 2017 से किडनी की समस्या से जूझ रही थी। डॉ. एवी राव और सुजीत रेड्डी की टीम ने हमारी बहुत मदद की। उन्होंने सफलतापूर्वक मेरी किडनी को मेरी बहन में ट्रांसप्लांट कर दिया है। वहीं हैदराबाद में स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी, के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. सुजीत रेड्डी ने कहा कि भाई ने अपनी बहन को किडनी दान किया है। सर्जरी बिना किसी जटिलता के की गई।