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पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर सकता है पति? पढ़ें हाई कोर्ट ने क्या कहा

2014 में विवाह के बाद महिला और उसका पति भोपाल में रहकर सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। 2017 में महिला को एक सरकारी उपक्रम में नौकरी मिल गई, लेकिन उसके पति को कोई रोजगार नहीं मिल पाने से उसके अहंकार को ठेस पहुंचने लगी।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Nov 15, 2024 19:28 IST, Updated : Nov 15, 2024 19:29 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक अहम टिप्पणी सामने आई है। हाई कोर्ट ने तलाक के वास्ते 33 वर्षीय एक महिला की अर्जी मंजूर करते हुए कहा है कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। केंद्र सरकार के एक उपक्रम में प्रबंधक के रूप में इंदौर में पदस्थ महिला ने फैमिली कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए पति के खिलाफ तलाक का आवेदन दिया था कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है। फैमिली कोर्ट ने महिला की यह अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद महिला ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट ने और क्या कहा?

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की बेंच ने कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली। बेंच ने 13 नवंबर को सुनाए फैसले में कहा,“पति या पत्नी एक साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी इच्छा है। पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।’’ हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में पति ने पत्नी पर दबाव डाला कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दे। कोर्ट ने कहा कि पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की इच्छा एवं तौर-तरीके के अनुसार रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है।

जानें क्या है पूरा मामला

महिला के वकील राघवेंद्र सिंह रघुवंशी ने कहा,‘‘2014 में विवाह के बाद मेरी पक्षकार (मुवक्किल) और उसका पति भोपाल में रहकर सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। 2017 में मेरी पक्षकार को एक सरकारी उपक्रम में नौकरी मिल गई, लेकिन उसके पति को कोई रोजगार नहीं मिल पाने से उसके अहंकार को ठेस पहुंचने लगी।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पक्षकार का पति इंदौर में प्रबंधक के रूप में पदस्थ पत्नी को कथित तौर पर परेशान करने लगा और उस पर दबाव डालने लगा कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर उसके साथ भोपाल में रहे।

रघुवंशी के मुताबिक महिला के पति ने उससे कहा कि जब तब उसे कोई रोजगार नहीं मिल जाता, वह भी कोई नौकरी न करे। उन्होंने कहा,‘‘पति की इस बात के लिए पत्नी के तैयार नहीं होने के कारण दम्पति में मतभेद बढ़ने लगे। पति की मानसिक प्रताड़ना से परेशान महिला ने आखिरकार तलाक का मन बना लिया।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)

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