श्रीनगर/नई दिल्ली: अलगाववादी संगठनों के समूह, हुर्रियत कांफ्रेंस के कुछ नेताओं ने पाकिस्तान में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में सीटें दिलाने के नाम पर छात्रों को लुभाने के लिए कथित रूप से कश्मीर स्थित ‘‘कंसल्टेंसी’’ कंपनी का इस्तेमाल किया और इसके लिए एक फर्जी ‘नेशनल टैलेंट सर्च’ परीक्षा आयोजित की गई। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र से यह जानकारी मिली। राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा दायर आरोप पत्र में ऐसे कई मामलों को उजागर किया गया है जहां वैध यात्रा दस्तावेजों का उपयोग कर अभिभावकों को सीमा पार ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें अपने बच्चों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए अतिरिक्त पैसे देने के लिए मजबूर किया गया।
आरोप पत्र में कहा गया है, ‘‘जांच के दौरान यह भी पता चला कि छात्रों/अभिभावकों के साथ अभियुक्तों ने धोखाधड़ी की। उन्हें एमबीबीएस में प्रवेश के लिए पाकिस्तान जाना था, लेकिन फर्जी प्रवेश पत्र देखकर वे निराश हो गए।’’ एसआईए का यह आरोप पत्र पीटीआई-भाषा को मिला है जिसमें कहा गया है, ‘‘ऐसी परिस्थितियां पैदा की गईं, जिसने अभिभावक/छात्रों को पूरी तरह से निराशा की स्थिति में डाल दिया, ताकि अतिरिक्त पैसे की मांग की जा सके या तो उसे ऑनलाइन हस्तांतरित किया जा सके या कश्मीर में उनकी पसंद के लोगों तक पहुंचाया जा सके।’’
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस की नई इकाई एसआईए द्वारा दायर यह पहला आरोप पत्र है, जिसमें नौ लोगों पर कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर पाकिस्तान में एमबीबीएस सीटें बेचने और केंद्र शासित प्रदेश में अशांति फैलाने के इरादे से पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप है। उन्होंने बताया, ‘‘अपने बच्चों को पाकिस्तान में एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों को पाकिस्तान स्थित हुर्रियत नेताओं या कश्मीरी मूल के आतंकवादियों (जो हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान चले गए थे) के इस तरह के फरमान का पालन करना पड़ता था।’’
एसआईए ने कहा, ‘‘एक सुनियोजित साजिश/गोपनीयता के तहत जमा हुआ यह पैसा कुछ हुर्रियत नेताओं और उनके सहयोगियों के माध्यम से सक्रिय आतंकवादियों, मारे गए आतंकवादियों के परिवारों और पथराव करने वालों के हाथों में जाएगा और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी/अलगाववादी गतिविधियों को आगे बढ़ाएगा।’’ एसआईए ने कहा कि कुछ मामलों में छात्रों और अभिभावकों को अभियुक्तों ने पूरी तरह धोखा दिया और उनकी गाढ़ी कमाई पूरी तरह से या आंशिक रूप से वापस नहीं की गई थी। एसआईए ने हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट समेत नौ के खिलाफ बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। इसने आरोप लगाया कि कुछ छात्रों और उनके माता-पिता से पाकिस्तान में सीटों की व्यवस्था कराने के नाम पर पैसे भी ऐंठे गए।
एसआईए ने बताया कि छात्रों को फर्जी तरीके से पाकिस्तान में हुर्रियत कार्यालय में एक राष्ट्रीय प्रतिभा खोज (एनटीएस) परीक्षा में शामिल किया जाता था ताकि उन्हें विश्वास हो सके कि वे एक पूर्व योग्यता परीक्षा में बैठ रहे हैं, जिससे कि पाकिस्तान के पेशेवर कॉलेजों में उन्हें दाखिला मिल जाएगा। इसमें कहा गया है कि इस तरह की परीक्षाओं में ज्यादातर वैसे लोगों या आरोपियों के रिश्तेदारों ने मदद की थी जो पाकिस्तान में पलायन कर गए थे और पाकिस्तान या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बस गए थे और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को सहायता और बढ़ावा देने के लिए अपने कश्मीर आधारित संपर्कों का उपयोग कर रहे थे।
एसआईए ने कहा कि उसे पता चला कि आरोपी कश्मीर और पाकिस्तान के हुर्रियत संगठन से जुड़े थे और एक सुनियोजित साजिश के तहत अवैध रूप से पैसा बना रहे थे। पिछले साल जुलाई में पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की एक शाखा काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने एक मामला दर्ज किया था। बाद में विश्वस्त सूत्रों से इसमें कुछ हुर्रियत नेताओं सहित कई भ्रष्ट लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली, जिसके बाद मामला एसआईए को सौंप दिया गया।
उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के एक घटक साल्वेशन मूवमेंट के अध्यक्ष भट के अलावा, आरोप पत्र में उसके भाई अल्ताफ अहमद भट के साथ मंजूर अहमद शाह (दोनों पाकिस्तान में रहते हैं), अनंतनाग से एक धार्मिक नेता काजी यासिर, महज आजादी फ्रंट से फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख और मोहम्मद इकबाल मीर तथा सैयद खालिद गिलानी का नाम शामिल है। भट समेत पांच लोग केंद्रीय कारागार में बंद हैं, जबकि अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर और मंजूर अहमद भट फरार हैं। एसआईए ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। नौवें आरोपी गिलानी पर केवल धोखाधड़ी का आरोप लगाया जाएगा।
(इनपुट- एजेंसी)