Highlights
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नहीं चलेगी चीन की मनमानी
- भारत और अमेरिका मिलकर रोकेंगे चीन का विस्तार
- हिंद-प्रशांत देशों को मिलकर करना होगा काम- अमेरिका
India and America will stop China: दिल्ली में बुधवार को भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार और अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो के साथ व्यापक बातचीत हुई । उनकी बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता से उत्पन्न प्रमुख चुनौतियों और यूक्रेन संकट के क्षेत्रीय सुरक्षा पर संभावित प्रभावों पर जोर रहा। सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और दोनों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों के संबंध में चर्चा हुई। एडमिरल जॉन एक्विलिनो 'रायसीना डायलॉग' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत आए हैं। दोनों कमांडरों ने द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग और हिंद-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की।
रक्षा सहयोग मजबूत करने पर जोर
अधिकारियों ने बताया कि दोनों कमांडरों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के संभावित प्रभावों पर भी गौर किया। नौसेना प्रमुख ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल के प्रमुख जनरल अंगुस कैम्पबेल के साथ भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने भी जनरल कैम्पबेल के साथ वार्ता की और इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
हिंद-प्रशांत देश मिलकर करें काम
'रायसीना डायलॉग' के एक सत्र में एडमिरल एक्विलिनो ने रूस-यूक्रेन युद्ध का व्यापक रूप से जिक्र किया और कहा कि यह समान विचारधारा वाले देशों के लिए ऐसी चुनौतियों से निपटने की खातिर 'तात्कालिता की भावना' के साथ तैयार होने का समय है। उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में हमने जो कुछ देखा, उससे हम सभी चिंतित हैं। हमने युद्ध शुरू करने के लिए अकारण कार्रवाई देखी। जब मैं वैश्विक सुरक्षा के नजरिए से देखता हूं तो यह बहुत ही चिंताजनक समय है।' एडमिरल एक्विलिनो ने यूक्रेन पर रूसी हमले को अपने जीवन का सबसे खतरनाक समय बताते हुए कहा, 'हमें तत्परता के साथ तैयारी करने की जरूरत है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत के देशों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) अपनी ताकत बढ़ा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह हिंद-प्रशांत के लिए एक अच्छा मॉडल हो सकता है। इनपुट-भाषा