इसरो का सूर्ययान आदित्य एल-1 सूर्य के एल-1 कक्ष में स्थापित होने वाला है। आदित्य एल-1 आज यानी 5 से 7 जनवरी के बीच एल-1 कक्ष में पहुंच जाएगा। भारत इस सफलता के बाद सोलर मिशन क्षेत्र में दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा। इसके बाद इसरो सूरज की कई रहस्य से पर्दा उठाएगा। जानकारी दे दें कि Aditya L1 2 सितंबर को लांच किया गया था। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए इंडिया टीवी ने एस्ट्रो फिजिस्ट आरसी कपूर से बात की।
इस बिंदु तक पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा?
RC कपूर से इंडिया टीवी ने पूछा कि हमें इस बिंदु तक पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा? RC कपूर ने सवाल का जवाब देते हुए कहा आदित्य एल-1 के लांच के बाद हमने (इसरो) ने फ्यूल बचाने के लिए ऑर्बिट रेजिंग की है। इसके बाद हम इसे बिंदु तक पहुंचाने के लिए अपनी गति से पहुंचा है। प्रोफेसर ने आगे कहा कि गति इसलिए इतनी धीरे रखी गई क्यों एल-1 बिंदु के निकट पृथ्वी और सूर्य दोनों के गुरुत्वाकर्षण है, अगर गति के संबंधित थोड़ी सी चूक हुई तो सूर्य अपनी ओर आदित्य एल-1 को खींच लेगा या फिर पृथ्वी अपनी ओर खींच लेगा। इसीलिए हमें एल-1 बिंदु पर एक हैलो आर्बिट में आदित्य एल-1 को घूमाते रहना होगा। आरसी कपूर ने आगे कहा कि हम आदित्य एल-1 पर आने वाले समय में स्टेशन कीपिंग से नजर रखेंगे कि इसका चाल-चलन कैसा है। इस प्वाइंट से इसरो सूर्य को स्टडी करने में कोई बाधा नहीं आएगी।
कितना चैलेंजिग हैं कि कहीं सैटेलाइट ओवरसैडो न हो जाएं?
आरसी कपूर ने कहा कि हमें इन चीजों का ध्यान तो रखना पड़ता है। स्पेस में दूरियां बहुत ज्यादा हैं। इस समय वहां सोहो,ऐस,विंड और डिस्कवर सैटेलाइट मौजूद हैं। इसलिए इन सभी का ध्यान रखते हुए आदित्य एल-1 को स्थापित किया गया है। आदित्य एल-1 से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप यहां पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं...
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