मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मामले में राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। तब से उन पर सीएम पद से इस्तीफा देने का भी दबाव बना हुआ है। शनिवार को कांग्रेस ने राजभव चलो मार्च भी निकाला था। इस मार्च का उद्देश्य राज्यपाल पर दबाव डालना था कि वह मुकदमा चलाने की मंजूरी वाले फैसले पर पुनर्विचार करें। इस बीच, आरटीआई (RTI) के जवाब में पता चला है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने के लिए 54 लाख रुपये खर्च करते हैं। वे इतना खर्च व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों अकाउंट्स के लिए करते हैं।
आरटीआई डालकर मांगा जवाब
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता मारलिंगा गौड़ माली पाटिल ने आरटीआई डालकर जवाब मांगा था। उन्हें जब पता चला कि विकास के कई कार्यों के लिए सरकार के पास फंड नहीं है, तो इसका पता लगाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में सिद्धारमैया सोशल मीडिया पर बेहद कम खर्च करते हैं। इससे पहले कि मुख्यमंत्री का यह खर्चा 2 करोड़ रुपये के करीब था।
अकाउंट हैंडल के लिए 25 लोगों की टीम
सरकारी एजेंसी कर्नाटक स्टेट मार्केटिंग कम्युनिकेशन एंड एडवर्टाइजिंग लिमिटेड (MCA) ने यह जानकारी दी। पिछले साल 25 अक्टूबर से मार्च 2024 तक मुख्यमंत्री कार्यालय ने 3 करोड़ रुपये के आस-पास खर्च किए हैं। आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक, सीएमओ ने हर महीने करीब 53.9 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसमें 18 फीसदी की जीएसटी भी शामिल है। यह पेमेंट पॉलिसी फ्रंट नाम की कंपनी को किया गया, जो कि सिद्धारमैया के अकाउंट हैंडल करवाती है। इसमें करीब 25 लोगों की टीम है।
ये भी पढ़ें-
मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, अंधाधुंध फायरिंग के साथ बम से हमले, 2 की मौत- 9 घायल