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कितना खतरनाक है कोरोना का JN.1 वेरिएंट? डॉक्टर ने बताई पूरी सच्चाई

भारत में कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 मिला है जिससे लोगों में दहशत फैल रही है। ऐसे समय में महाराष्ट्र टास्कफोर्स के पूर्व सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल से जुड़े डॉक्टर राहुल पंडित ने कोरोना के इस वेरिएंट से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Subhash Kumar Updated on: December 19, 2023 16:10 IST
भारत में कोरोना का JN.1 वेरिएंट।- India TV Hindi
Image Source : PTI भारत में कोरोना का JN.1 वेरिएंट।

भारत समेत दुनियाभर को दहलाने वाले कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर से मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। दक्षिण भारत के राज्य केरल में कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 मिला है जिससे एक महिला संक्रमित थी। इसके बाद राज्य में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले देखे गए हैं। इस नए वेरिएंट के मिलने के बाद देश की जनता में एक बार फिर से खौफ बढ़ रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र टास्कफोर्स के पूर्व सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल से जुड़े डॉक्टर राहुल पंडित ने कोरोना के JN.1 वेरिएंट से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा की हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। 

लक्षण पुराने वायरस जैसे ही 

डॉक्टर राहुल पंडित ने जानकारी दी है कि JN.1 वेरिएंट अचानक ही नहीं आया है। अगस्त महीने से ही इसका संक्रमण विदेशों में हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभी नया वायरस ओमीक्रोन का ही सब वेरिएंट है और इसके लक्षण पुराने  वायरस जैसे ही हैं। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार और दस्त लगना आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि इस वायरस का म्युटेशन प्रोटीन स्पाइक में होता है।

क्या वैक्सिनेशन होगा असरदार?

डॉक्टर राहुल पंडित ने बताया कि  भारत में लोगो ने वैक्सीन के दो डोज और बूस्टर डोज लिए हैं। ऐसे में ये वायरस उस इम्युनिटी को तोड़ेगा या नहीं, ये जांच से ही पता चलेगा कि पूरानी वैक्सीन इस्पर कारगर है की वैक्सिन में कुछ बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि जीनोम सीक्वेन्सिंग की मदद से इसके बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।

क्या है बचाव का तरीका?

India TV से बात करते हुए डॉक्टर राहुल पंडित ने बताया है कि इस वायरस से बचने के लिये मास्क लगाना चाहिये, हाथ धोने चाहिए। जो पुराने कोविड प्रोटोकोल के नियम है उन्हीं पर अमल होना चाहिए। उन्होंने बताया कि फिलहाल सर्दी के मौसम में फ्लू और दूसरे संक्रमण जैसी बीमारियां जोर पकड़ती हैं। ऐसे में दो से तीन दिनों में जो लक्षण नजर आ रहे हैं, इलाज के बाद उसमें राहत न मिले तो डॉक्टर की सलाह से टेस्ट करा लेनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि अभी ये वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं पाया गया है। हालांकि, जो लोग पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित है उन्हें ध्यान रखना चाहिए।

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