Highlights
- 15 अगस्त को 'पंच प्रण' लिया था
- जिसे मिटाने से हम गर्व कर सकते हैं
- लगभग 1175 कानून को खत्म कर दिया गया
PM MODI: देश की राजधानी दिल्ली अब जब आप आएंगे तो राजपथ सड़क नहीं मिलेगा क्योंकि उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर को इस बात पर मुहर लगा दी। वही दिल्ली नगर निगम की बैठक में इस प्रस्ताव को भी पारित कर दिया। पहले किंग्सवे फिर राजपथ अब कर्तव्य पथ के नाम से यह सड़क जाना जाएगा। जब आप राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट की दूरी जो तय करते हैं वही कर्तव्य पथ हो गया है। हमने आपको आसान भाषा में बता दिया। अब चलिए आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक कितने गुलामी के निशानी को खत्म करने का काम किया है।
स्वतंत्रता दिवस पर ली शपथ
पीएम मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को 'पंच प्रण' लिया था जिसमें एक प्रण गुलामी की निशानी को खत्म करना भी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि हमें हर उस निशानी को मिटाना है जो अंग्रेजों से जुड़ी है, जो गुलामी की प्रतीक हैं। वैसे तो मोदी गवर्नमेंट का जो कार्यकाल रहा, उसमें जहां भी इस तरह की चीजें मिली उनके नामों में संशोधित किया गया है, कुछ ऐसी निशानी जिसे मिटाने से हम गर्व कर सकते हैं उसके लिए काम किया।
नेवी से मिटाया गुलामी का प्रतिक
हाल ही में प्रधानमंत्री ने नौसेना को आई एन एस विक्रांत एयरक्राफ्ट सौंपा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री ने नौसेना की पुराने झंडे को खत्म कर दिया जो कि एक अंग्रेजों की निशानी थी। उस झंडा पर किंग जॉर्ज के क्रॉस का सिंबल था। इसके बाद पीएम मोदी ने इसे बदलकर नौसेना की नहीं पहचान बनाई। प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के झंडा को नेवी के नाम कर दिया है। जिसके बाद से अब नेवी का फ्लैग बदल गया है। प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी के यात्रा पर गए थे। उसी दौरान अपने एक संबोधन में पीएम में बताया कि हमने अंग्रेजों के
ऐसे कई कानून हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। आपको बता दें कि 2014 से लेकर 2016 के बीच में लगभग 1175 कानून को खत्म कर दिया गया। वही 2014 से लेकर अब तक 1511 से ऐसे कानून थे जिनकी जरूरत नहीं थी उन कानूनों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया। यह सभी कानून आजादी से चली आ रही थी।
बदल गए हैं कुछ बड़े जगहों के नाम
इसके अलावा जिन राज्यों में भाजपा की सरकार रही, उन राज्यों में शहर से लेकर सड़कों के नाम बदल दिए गए। इनमें देखा गया कि जिन सड़कों या शहरों के नाम बदले गए और जिनके नाम पर रखे गए उनका नाम खासतौर पर बीजेपी या आरएसएस से लगाव हुआ करता था। वही बीजेपी ने कई रेलवे स्टेशन के नाम भी चेंज किए।मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया तो गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया गया। कर्जन रोड को बदलकर कस्तूरबा रोड कर दिया गया। रेस कोस का भी नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया। औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया। इसके अलावा डलहौजी रोड को बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया।