बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट के दौरान मां की फोन कॉल के चलते 24 वर्षीय एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान बच गई। इस घटना में कर्मचारियों और कुछ ग्राहकों समेत 10 लोग घायल हुए हैं। बिहार के पटना के मूल निवासी कुमार अलंकृत ने घटना को याद करते हुए कहा कि उन्होंने काउंटर से अपना डोसा उठाया और अपनी सामान्य जगह (जहां कुछ मिनट बाद विस्फोट हुआ) पर बैठना तय किया।
अलंकृत ने सुनाया पूरा किस्सा
अलंकृत ने बताया कि उसी समय उनकी मां का फोन आया और वह बात करने के लिए एक शांत जगह पर चले गए, जो विस्फोट वाली जगह से महज 10 मीटर की दूरी पर थी। अलंकृत ने बताया कि कैसे उनकी मां की कॉल की वजह से उनकी जान बच गई। उन्होंने कहा, "मैंने अपना डोसा काउंटर से उठाया और कैफे के अंदर अपने नियमित स्थान पर बैठने ही वाला था। जब भी मैं कैफे जाता था, तो उसी स्थान पर बैठता था (जहां बाद में विस्फोट हुआ)। वह मेरी पसंदीदा जगह थी। इस बार भी मैं वहां बैठने की योजना बना रहा था, लेकिन तभी मां का फोन आया इसलिए मैं कैफे के बाहर कुछ मीटर दूर एक शांत जगह चला गया ताकि उनसे बात कर सकूं।''
बताया आंखों देखा हाल
उन्होंने इसे एक नियमित फोन कॉल बताते हुए कहा, "वह (मेरी मां) पूछ रही थीं कि मैं कहां हूं और अचानक, मैंने तेज आवाज सुनी। मैं बाहर था। यह एक बहुत बड़ा विस्फोट था। हर कोई घबरा गया था और बाहर की ओर भाग रहा था। हर तरफ धुआं था और दुर्गंध आने लगी थी।" उन्होंने कहा, "यह सब अचानक हुआ था। जोरदार विस्फोट होने के बाद लोग इधर-उधर भाग रहे थे। पता नहीं क्या हो रहा था। यह भयानक और चौंकाने वाला था। लेकिन शुक्र है कि मेरी मां के उस फोन कॉल ने मुझे बचा लिया।”
ब्लास्ट का पहला वीडियो किया था शेयर
कुमार कैफे में हुए ब्लास्ट का वीडियो 'एक्स' पर साझा करने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “दोपहर एक बजे, मैं रामेश्वरम कैफे ब्रुकफील्ड में दोपहर को खाना खा रहा था और कैफे के अंदर एक बड़ा विस्फोट हुआ। मैं धमाके से कुछ मीटर की दूरी पर था। मैं सुरक्षित हूं। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। भगवान उन्हें जल्द स्वस्थ करें।" (भाषा)
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