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गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, पूर्वोत्तर के इन राज्यों में बढ़ाया गया AFSPA कानून

भारत के अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की दोबारा बहाली के लिए केंद्र सरकार की ओर से AFSPA कानून को लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में तलाशी लेने, गिरफ्तार करने समेत कई अन्य अधिकार दिए जाते हैं।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Sep 27, 2023 7:03 IST, Updated : Sep 27, 2023 7:03 IST
सांकेतिक फोटो।
Image Source : PTI सांकेतिक फोटो।

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कानून और शांति की स्थिति अब भी पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। एक ओर मणिपुर में हिंसा का दौर लगातार जारी है। तो वहीं, अब गृह मंत्रालय ने मंगलवार को नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित करते हुए सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को जारी रखते हुए 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। 

गृह मंत्रालय का नोटिस

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र के रूप में घोषित किया था। अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है। इसलिए अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की एक अक्टूबर 2023 से अगले छह महीने के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है।

नागालैंड के इन जिलों में बढ़ा AFSPA
वहीं, एक अन्य अधिसूचना जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 24 मार्च 2023 को नगालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल 2023 से छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया था। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है। इसलिए अब नगालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों के अलावा उन इलाकों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा-3 के तहत छह महीने की अवधि के लिए, या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया जाता है, जो 1) कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्ज़ा और केज़ोचा पुलिस थाने; 2) मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगकेम और अनाकी 'सी' पुलिस थाने; 3) लोंगलेंग जिले के यांगलोक पुलिस थाने; 4) वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रालन पुलिस थाने; और 5) जुन्हेबोटो जिले के घाटशी, पुघोबोटो, सताखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनाटो पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

क्या है AFSPA?
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) देश के अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाने वाला कानून है। इसके तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी लगने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां प्रदान की जाती हैं। अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कई जिलों में वर्षों से AFSPA कानून लागू है। समय-समय पर सरकार इसकी अवधि बढ़ाती रहती है। 

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