केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके डिप्टी देवेंद्र फड़नवीस, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। बैठक में वामपंथी उग्रवाद या नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा हुई। हालांकि, इस बैठ में गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसा दावा किया है जिससे लोग अचंभित से हैं।
2 साल में उग्रवाद होगा खत्म
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि दो साल में भारत से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने समीक्षा बैठक में ये भी जानकारी दी कि साल 2022 में बीते 4 दशकों के मुकाबले वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें दर्ज की गई हैं। गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इतनी कम हुई घटनाएं
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सरकार के विभिन्न योजनाओं के परिणाम स्वरूप वामपंथी उग्रवाद की हिंसक घटनाओं में 2010 के उच्च स्तर के मुकाबले 2022 में 77 प्रतिशत की कमी आई है। इस समयकाल में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में भी 90 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 तक, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं। वहीं, 2014 से 2023 तक (15 जून 2023 तक) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं हुई हैं और 2,020 मौतें हुई हैं।
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