हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। पूरे देश के स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में हिंदी दिवस को बेहद ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हर एक भारतीय के लिए गर्व का दिन होता है। संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। भारत में बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी का स्थान सबसे ऊपर रहा है। हालांकि, कुछ सालों में हिंदी को दुनिया भर में पहचान मिली है। दुनिया के कई देशों के लोग हिंदी को बड़े ही संजीदगी से सीख और बोल भी रहे हैं। इसे लेकर हमने पोल चलाया। इंडिया टीवी के इस पोल में लोगों ने अपनी राय रखी, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
हिंदी की पॉपुलैरिटी पर जनता की राय
इंडिया टीवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हमने जनता से पूछा था कि "क्या हिंदी अब देश ही नहीं, दुनिया में भी पॉपुलर है?" और हमने 'हां', 'नहीं' और 'कह नहीं सकते' के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 7367 लोगों ने अपना जवाब दर्ज कराया और काफी हैरान करने वाले नतीजे सामने आए। 88 फीसदी लोगों ने हिंदी की दुनिया में पॉपुलैरिटी पर सहमति जताई। वहीं, 10 फीसदी लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा अभी भी दुनिया में लोकप्रिय नहीं है, जबकि 2 फीसदी लोग कन्फ्यूज दिखें। 2 फीसदी लोगों ने 'नहीं कह सकते' के विकल्प को चुना।
भारतीय संघ की आधिकारिक भाषा हिंदी
बता दें कि हिंदी को देश में भले ही राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं मिला है, लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में ये तीसरे नंबर पर है। हिंदी की लोकप्रियता दुनिया के देशों में दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। देश जब आजाद हुआ था, तो भारत के लिए आधिकारिक भाषा चुनने का मुद्दा उठा। संविधान सभा में इसे लेकर जोरदार बहस भी हुई। साल 1949 में 14 सितंबर को संविधान सभा ने हिंदी को भारतीय संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपना लिया। तब ये भी तय हुआ कि ये भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाएगी।