Sunday, December 22, 2024
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कुदरत के कहर से सिसक रहा है हिमाचल, शिमला पर मंडरा रहा खतरा, कई जगह लैंडस्लाइड

हिमाचल प्रदेश एक बड़ी प्राकृतिक विभिषिका झेल रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन से राज्य के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राजधानी शिमला पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

Edited By: Niraj Kumar
Published : Aug 18, 2023 6:48 IST, Updated : Aug 18, 2023 7:10 IST
शिमला में राहत और बचाव के कामों में जुटी एनडीआरएफ की टीम
Image Source : एएनआई शिमला में राहत और बचाव के कामों में जुटी एनडीआरएफ की टीम

शिमला :: हिमाचल प्रदेश कुदरत के कहर से सिसक रहा है। राज्य के अधिकांश जिले भारी बारिश और भूस्खलन से त्रस्त है। इस पहाड़ी राज्य के 6 जिले इस प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा खतरा शिमला शहर पर मंडरा रहा है। शिमला शहर में कई जगहों पर लैंडस्लाइड की आशंका बनी हुई है।

राहत और बचाव का काम जारी

इस बीच प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम जारी है। राजधानी शिमला में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव के कामों में जुटी हुई है।

पिछले 5 दिनों में 74 लोगों की मौत

शिमला जैसे खूबसूरत शहर में खौफ पसरा हुआ है। पिछले करीब 5 दिनों में प्राकृतिक आपदा में 74 लोगों की मौत हो चुकी है। शिमला में ही तीन जगहों-- समर हिल में स्थित शिव मंदिर तथा फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है। समर हिल से 14 शव, फागली से पांच शव और कृष्णा नगर से दो शव बरामद किए गए हैं। शिव मंदिर  के मलबे में अब भी आठ लोगों के दबे होने की आशंका है। वहीं 24 जून से अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में 330 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य को करीब 8 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। राज्य की 800 सड़कें या तो टूट गई हैं या फिर मलबा आ जाने के चलते इन पर यातायात बाधित है। 

बाढ़ प्रभावित इलाकों से 2074 लोगों का रेस्क्यू

सेना, वायु सेना और अन्य बचाव कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौरा के पोंग बांध से 309 लोगों को निकाला है। पिछले तीन दिनों में इन इलाकों से 2074 लोगों को निकाला गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को मंडी जिले के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के मटेहड़ी, बालद्वारा, मसेरन और जुकैन के बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां लोगों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। 

बुनियादी ढांचों के पुननिर्माण में एक साल का समय लगेगा

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि कि मॉनसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचों के पुननिर्माण में एक साल का समय लगेगा। सुक्खू ने कहा था कि पिछले महीने जुलाई और इस सप्ताह हुई भारी बारिश की वजह से राज्य में अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। (इनपुट-भाषा)

 

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