Tuesday, November 05, 2024
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अब ग्रामीणों की हुई बल्ले-बल्ले, यहां की सरकार खरीद रही गाय का गोबर, जानिए क्या है रेट?

ग्रामीणों से गाय का गोबर खरीदने के लिए सरकार ने टेंडर जारी किया है। इसको लेकर सरकार ने कई तरह की छूट दिए जाने का भी ऐलान किया है। सरकार ने जैविक खेती किए जाने पर भी जोर दिया है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: November 05, 2024 19:14 IST
गाय का गोबर खरीद रही सरकार - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO गाय का गोबर खरीद रही सरकार

हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जैविक गाय का गोबर खरीदने के लिए टेंडर्स जारी किए गए हैं। सरकार सफल बोलीदाता बैग, परिवहन और भंडारण सुविधाएं भी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि जैविक खेती पर जोर देने के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि में हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। 

3 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा जैविक गोबर

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि को टिकाऊ बनाए रखने के लिए एक किसान परिवार की मासिक आय 20,000 रुपये से 25,000 रुपये के बीच होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का गोबर खरीदने का वादा किया था, लेकिन हम कच्चा गाय का गोबर नहीं खरीदना चाहते हैं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गाय का जैविक गोबर खरीदेंगे। 

गाय का गोबर प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर 

कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि जैविक गाय का गोबर एक प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर उर्वरक है। इसका उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य और पौधों की वृद्धि में सुधार के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से जैविक गोबर खरीदने के लिए निविदाएं जारी की गई हैं और जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है, वह बैग उपलब्ध कराएगी, उन्हें भरेगी और सील करेगी, साथ ही परिवहन और भंडारण सुविधा भी प्रदान करेगी और उसे 4-5 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान किया जाएगा।’ 

गोबार का किया जाएगा भंडारण

मंत्री ने कहा कि गोबर का भंडारण हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विपणन एवं उपभोक्ता संघ लिमिटेड (हिमफेड) के गोदामों में भी किया जाएगा। सभी जिलों के उप निदेशकों को बंद पड़े कृषि फार्मों को उपयोग में लाने के निर्देश दिए गए हैं। बंद पड़े कृषि फार्मों में जैविक फसलों का उत्पादन अनुबंध खेती के माध्यम से सुनिश्चित सिंचाई के साथ शुरू होगा। इसमें लाभ-हानि के आधार पर अन्य किसानों को जैविक कृषि पद्धतियों के प्रति प्रेरित किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कृषि विभाग में नए भर्ती किए गए कर्मचारियों को भूमि उपयोग नियोजन, मिट्टी की उर्वरता, त्रि-आयामी मानचित्रण और फसल ‘पैटर्न’ में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, ताकि किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से नकदी फसलों को उगाने के लिए सूक्ष्म स्तर पर क्लस्टर का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग किया जा सके।

भाषा के इनपुट के साथ

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