हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा ने लोगों का जीवन तहस नहस कर दिया है। राजधानी शिमला समेत कई अन्य जिलों में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटना हुई है। राज्य में आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 71 पहुंच गई है। इस बड़ी तबाही के बीच हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने एक बयान को लेकर विवादों में फंस गए हैं।
बिहारियों पर बयान से विवाद
Indian Express कि रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम सुक्खू ने कहा कि शिमला में लोग बिना वैज्ञानिक विधि के घर बना रहे हैं। इनमें ड्रेनेज सिस्टम काफी खराब है। लोग बिना जाने पानी बहा रहे हैं और ये पानी पहाड़ियों में जाकर उसे कमजोर कर रहा है। शिमला 150 साल से ज्यादा पुराना शहर है, जहां अच्छा ड्रेनेज सिस्टम था। अब यहां नालों पर इमारतें बन गई हैं। सीएम सुक्खू ने आखिर में कहा कि आजकल जो मकान गिर रहे हैं वे स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं। बाहर से आए आर्किटेक्ट जिन्हें मैं 'बिहारी आर्किटेक्ट' कहता हूं वो यहां आते हैं और फ्लोर पर फ्लोर बना देते हैं। हमारे पास लोकल राजमिस्त्री भी नहीं हैं।
विवाद के बाद दी सफाई
बिहारियों पर दिए गए बयान को लेकर जब सीएम सुक्खू विवादों में फंसे तो उन्होंने सफाई भी जारी की। उन्होंने कहा कि मैनें ऐसा कुछ भी नहीं कहा। यहां बिहार के लोग भी फंसे हुए थे। मैंने उन्हें हेलिकॉप्टरों से निकलवाया। बिहार के करीब 200 लोग अभी भी यहां फंसे हुए हैं। वे हमारे भाई जैसे हैं। यह हमारी स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की गलती है, वे तो सिर्फ मजदूर हैं।
ड्रेनेज को सुधारा जाएगा
हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वो हादसे वाले स्थल पर दौरा करने गए तो वहां नाला दोनों तरफ से बंद था। जहां भी नाले बंद पड़े हैं उन्हें अब जल्द से जल्द खोला जाएगा। हिमाचल को इस आपदा से करीब 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य को इससे उबरने में लंबा वक्त लग सकता है।
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