भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल में दस्तक देने की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर लगभग 7 दिनों के मानक अंतराल के साथ एक जून को केरल में प्रवेश करता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर लगभग 7 दिनों के मानक समय के साथ एक जून को केरल में प्रवेश करता है; इसके बाद यह आमतौर पर मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून इस साल वक्त से पहले आ रहा है। आमतौर पर यह अंडमान-निकोबर द्वीप के तट पर 22 मई के आसपास दस्तक देता है लेकिन, इस बार यह तीन दिन पहले 19 मई तक पहुंच जाएगा। इस साल मानसून के 31 मई के आसपास केरल पहुंचने की उम्मीद है। मानसून के उत्तर की ओर बढ़ने पर चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल सकती है।
अल-नीनो और ला-नीना का दिखेगा प्रभाव
मौसम विभाग के मुताबिक, अल नीनो प्रणाली के कमजोर पड़ने पर ला नीना की स्थितियां बेहतर हुई हैं। विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में इसमें और सुधार होने की संभावना है। ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां भी इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल दिखाई दे रही हैं और ये सारे संकेत अच्छे मॉनसून की तरफ इशारा कर रहे हैं, इससे मई में सामान्य से अच्छी बारिश के अनुमान जताया गया है।
कैसी रहेगी मानसून की चाल, कब कहां पहुंचेगा
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 19 मई को अंडमान सागर के साथ बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह पूर्वोत्तर भारत में 25 मई को आगे बढ़ेगा। उत्तर भारत में मॉनसून के 27 जून तक पहुंचने की उम्मीद है।इसके बाद 29 मई से 1 जून के बीच ये केरल में दस्तक दे सकता है। महाराष्ट्र में मॉनसून की एंट्री 10 जून को होगी तो वहीं 15 जून तक गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में मॉनसून की एंट्री हो सकती है। 20 जून तक ये गुजरात और मध्य प्रदेश के आंतरिक इलाकों में दस्तक दे सकता है।
इसके बाद मानसून 20 से 25 जून के बीच उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में भी एंट्री कर सकता है। 30 जून को राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दस्तक दे सकता है और आगे बढ़ते हुए 8 जुलाई तक मॉनसून पूरे देश को कवर कर लेगा। हालांकि इसकी फिलहाल संभावना जताई गई है।
चार महानगरों में कब पहुंचेगा मानसून