आज लोकसभा सदन के विपक्ष नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हाथरस मामले के पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान यूपी पुलिस ने हाथरस में सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी। हाथरस पीड़ित परिवार से राहुल गांधी ने थोड़ी देर मुलाकात की। इसके बाद वे वहां से रवाना हो गए। मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा बताई है। बता दें कि 14 सितंबर 2020 को 19 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप की बात सामने आई थी, इसके बाद दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर 2020 को उसकी मौत हो गई थी।
राहुल गांधी को लिखा पत्र
पीड़िता के पिता ने राहुल गांधी के नाम पत्र लिखकर कहा कि राहुल जी पत्र में लिखी हुई बातें गहराई से पढ़ें। राहुल जी 14 सितंबर 2020 को हुई घटना बहुत ही भयानक थी, उस घटना में मेरी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ था और उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई, जीभ भी काट दी गई। उसके बाद मेरी बेटी को मेरे परिवार के अनुमित के बिना शासन-प्रशासन ने रात के अंधेरे में 2.30 बजे केरोसिन डालकर जला दिया। राहुल जी आजतक मेरे परिवार को यह नहीं पता चला कि जलाई गई बॉडी किसकी थी।
नहीं मिली अभी तक नौकरी
आगे लिखा कि राहुल जी हमारे केस में सीबीआई जांच हुई थी उसमें चारों आरोपी दोषी थे, जांच होने से पहले मेरी बेटी ने मृत्यु से पहले बयान में चारों के नाम लिए थे और मेरी बेटी का समय से मेडिकल तक नहीं कराया गया। सीबीआई की चार्जशीट में सभी दोषी होने के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने 3 आरोपियों को बिल्कुल बरी कर दिया और एक आरोपी को केवल 304 (एससी/एसटी एक्ट) में सजा सुनाई। सांसद जी आपको बताना चाहता हूं कि प्रदेश सरकार ने मेरे परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन अभी तक न नौकरी दी गई और न ही घर। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हमारे केस में स्वत: संज्ञान लिया था और 26-07-2022 को नौकरी और घर देने के संबंध में यूपी सरकार को एक आदेश पारित किया था, लेकिन आज तक योगी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
हम घरों में कैद और आरोपी आजाद घूम रहे
राहुल गांधी जी हमारा परिवार 2020 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद सीआरपीएफ की एक कंपनी हमारे पीड़िता परिवार की सुरक्षा में तैनात है। हमारा पूरा परिवार CRPF की कड़ी सुरक्षा में कैद वाली जिंदगी जी रहा है न कोई रोजगार है और न कोई रोजगार के लिए बाहर जा पा रहा है। घर में 3 बेटियां हैं, जिनकी पढ़ाई-लिखाई तक नहीं हो पा रही। कोई भी टीचर जिम्मेदारी नहीं ले रहा। अत: मेरे परिवार के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है क्योंकि जो अपराधी जेल में थे वह बाहर खुले में घूम रहे हैं और उनके सभी काम हो रहे हैं लेकिन हम पीड़ित होकर भी घर में रहकर 4 साल के जेल की तरह सजा काट रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में हमारा पालन-पोषण कैसे चलेगा। राहुल जी हमें न्याय दिलाने का काम करें।