Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. धर्म संसद में नफरती भाषणों पर पुलिस ने कार्रवाई की? SC ने उत्तराखंड और दिल्ली सरकार से पूछा

धर्म संसद में नफरती भाषणों पर पुलिस ने कार्रवाई की? SC ने उत्तराखंड और दिल्ली सरकार से पूछा

SC on Dharma Sansad Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसदों में नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर पुलिस कार्रवाई के बारे में पूछा। कोर्ट ने उत्तराखंड और दिल्ली दोनों राज्यों की सरकारों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Oct 10, 2022 23:25 IST, Updated : Oct 10, 2022 23:31 IST
Supreme Court
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court

Highlights

  • उत्तराखंड और दिल्ली सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा
  • 'तथ्यात्मक स्थिति और की गई कार्रवाई से अवगत कराएंगे'

SC on Dharma Sansad Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड और दिल्ली की सरकारों से पूछा कि पिछले साल दोनों जगहों पर आयोजित धर्म संसदों में नफरत फैलाने वाले भाषण दिए जाने के मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया। बेंच ने उत्तराखंड और दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

तुषार गांधी ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि नफरत वाले भाषणों और लोगों की पीट-पीटकर हत्या के मामलों में तय दिशा-निर्देशों के अनुसार उपरोक्त विषय में कोई कदम नहीं उठाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना संबंधी कार्रवाई की जाए। 

उत्तराखंड और दिल्ली दोनों शपथ पत्र दायर करेंगे- पीठ

पीठ ने कहा कि इस स्तर पर वह अवमानना याचिका पर कोई नोटिस नहीं जारी कर रही और उत्तराखंड व दिल्ली से केवल इस बात पर जवाब मांग रही है कि वहां आयोजित धर्म संसदों में नफरत वाले भाषणों के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। पीठ ने कहा कि उत्तराखंड और दिल्ली दोनों शपथ पत्र दायर करेंगे और तथ्यात्मक स्थिति से एवं की गई कार्रवाई से अवगत कराएंगे। पीठ ने यह भी कहा कि नवनियुक्त अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने हाल ही में कार्यभार संभाला है और इस मुद्दे को देखने में कुछ समय लग सकता है। 

नफरत भरे भाषणों और लिंचिंग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश

तुषार गांधी की ओर से वकील शादान फरसत ने कहा कि वह उत्तराखंड और दिल्ली के स्थायी वकीलों को अवमानना याचिका की कॉपी सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि गांधी, तहसीन एस पूनावाला बनाम भारत संघ (2018 के फैसले) में याचिकाकर्ताओं में से एक थे, जिसमें नफरत भरे भाषणों और लिंचिंग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए थे।

पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्रवाई की मांग की गई

फरसत ने बताया कि तुषार गांधी ने उत्तराखंड और दिल्ली में 'धर्म संसद' में अभद्र भाषा की घटनाओं के बाद कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि याचिका दायर करने के बाद अभद्र भाषण देने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सात अन्य को पुलिस ने छुआ तक नहीं था।

'उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की'

याचिका में कहा गया है कि घटनाओं के तुरंत बाद भाषण उपलब्ध कराए गए और सार्वजनिक डोमेन में थे, लेकिन फिर भी उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक और दिल्ली में पिछले साल 19 दिसंबर को आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण दिए गए थे। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement