Highlights
- आरोपी विशाल कौशिक को यमुनानगर से पकड़ा गया
- बाकी आरोपियों को फरीदाबाद से किया गया गिरफ्तार
- चारों आरोपियों को आज अदालत में पेश किया गया
Haryana News: बिना काम कराए ठेकेदार को करोड़ों रुपये का भुगतान करने के मामले में सतर्कता विभाग ने फरीदाबाद नगर निगम के लेखा-परीक्षण और लेखा शाखा के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले में बुधवार देर रात लेखा परीक्षण (ऑडिट) शाखा के संयुक्त निदेशक दीपक थापर, वरिष्ठ लेखा अधिकारी विशाल कौशिक, वित्त नियंत्रक सतीश कुमार और वरिष्ठ लेखा अधिकारी हरगुलाल फागना को गिरफ्तार किया गया।
सतर्कता विभाग की हिरासत में भेजा गया
सतर्कता विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विशाल कौशिक को यमुनानगर से पकड़ा गया, जबकि बाकी तीन आरोपियों की गिरफ्तारी फरीदाबाद के अलग-अलग स्थानों से की गई। उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन के लिए सतर्कता विभाग की हिरासत में भेज दिया गया।
लेखा परीक्षण और लेखा विभाग में तैनात थे
सतर्कता विभाग के सूत्रों ने बताया कि घोटाले के दौरान सभी आरोपित लेखा-परीक्षण और लेखा विभाग में अहम पदों पर तैनात थे। इस मामले में ठेकेदार सतबीर, निलंबित मुख्य अभियंता दौलतराम भास्कर और रमन शर्मा व कनिष्ठ अभियंता दीपक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, उन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है।
वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक, आयकर विभाग ने हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में अस्पताल चलाने वाले कई कारोबारी समूहों पर छापेमारी कर 150 करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। तलाशी 27 जुलाई को शुरू की गई थी जिसमें इन समूहों के 44 परिसरों को शामिल किया गया। इन समूहों की पहचान नहीं बताई गई।