Hardeep Puri attack oppositon Ruled states on fuel Price Issue: सच कड़वा होता है लेकिन किसी से छिपता नहीं है वह खुद जाहिर हो जाता है। इसी बात का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आज लगातार तीन ट्वीट किए और ईंधन की कीमतों को लेकर विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों से जुड़े तथ्यों को उजागर करने की कोशिश की। उनका कहना है कि बीजेपी शासन वाले राज्यों में ईंधन की कीमतों पर वैट कम है जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों वाले राज्यों में जनता से ज्यादा टैक्स वसूले जा रहे हैं।
महाराष्ट्र ने पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाया?
हरदीप पुरी ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि सच कड़वा होता है लेकिन तथ्य खुद सब जाहिर कर देते हैं। उन्होंन कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और इस वर्ष 33,000 करोड़ एकत्र करने की उम्मीद है। यानि कुल मिलाकर 1,12,757 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होगा। फिर उन्होंने सवाल उठाया कि इसके बाद भी महाराष्ट्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाया?
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वैट की दर कम
हरदीप पुरी ने कहा-'विपक्ष के शासन वाले राज्यों ने आयातित शराब के बदले ईंधन पर टैक्स में कटौती की तो पेट्रोल सस्ता होगा । महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर 32.15 रु./लीटर टैक्स लगाया और कांग्रेस शासित राजस्थान ने 29.10 रु/ लीटर लेकिन बीजेपी शासित उत्तराखंड में केवल 14.51रु/ लीटर और उत्तर प्रदेश में 16.50 रु/ लीटर टैक्स लगाया। इन तथ्यों को नकारा नहीं जा सकता।'
उनका इरादा केवल विरोध और आलोचना करना है-पुरी
केंद्रीय मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में कहा-'भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर 14.50 से 17.50 रु/लीटर की सीमा में वैट है, जबकि अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों गए टैक्स 26 से 32 रु./लीटर के दायरे में हैं। अंतर साफ है। उनका इरादा केवल विरोध और आलोचना करना है, लोगों को राहत देना नहीं है।'