Highlights
- उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित अपने घर लौट रहे 40 वर्षीय भूपेंद्र सिंह बेहद खुश नजर आए।
- घर लौटने को लेकर उत्साहित भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह कई बार अपने बच्चों से कोई बहाना करते थे।
- सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल के दौरान अपने ट्रैक्टर को घर की तरह इस्तेमाल किया।
नयी दिल्ली: एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को ट्रैक्टर पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित अपने घर लौट रहे 40 वर्षीय भूपेंद्र सिंह बेहद खुश नजर आए। सिंह का कहना है कि वह अब अपने बच्चों के साथ पहले की तरह ही समय बिता सकेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भूपेंद्र सिंह की तरह प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसान आंदोलन समाप्त होने से बेहद खुश नजर आए और उन्हें इस बात का सुकून है कि वे अपने कठिन लेकिन सफल संघर्ष के बाद ही अपने परिवारों के पास वापस लौट रहे हैं।
‘मेरे बच्चे बहुत उत्साहित हैं’
घर लौटने को लेकर उत्साहित भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वह कई बार अपने बच्चों से कोई बहाना करते थे, जब उनके बच्चे घर लौटने को लेकर उनसे सवाल पूछते तो भूपेंद्र सिंह ने कहा, ‘मेरे बच्चे बहुत उत्साहित हैं। हम आखिरकार एक-दूसरे से मिलेंगे। मैं बहुत खुश हूं। फोन पर वे हमेशा कहते थे 'पापा, घर कब आओगे? जल्दी आ जाओ!' मुझे खुशी है कि यह आज हो रहा है। लेकिन इस बात को लेकर मुझे विशेष रूप से गर्व है कि मैं जीत के बाद घर जा रहा हूं।’
‘ट्रैक्टर मेरा घर बन गया’
अपने ट्रैक्टर पर घर वापस जाने की लंबी यात्रा करते हुए, सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल के दौरान अपने ट्रैक्टर को घर की तरह इस्तेमाल किया। किसान ने कहा, ‘इस दौरान यह ट्रैक्टर मेरा घर बन गया और एक सच्चे साथी की तरह हमारे साथ खड़ा रहा। यह हर किसान के लिए एक गुमनाम नायक है, हम इसके बिना यह नहीं कर सकते थे।’ आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 3 विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को गुरुवार को स्थगित करने का फैसला किया था।