नई दिल्ली: केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में हुई रैली में हमास नेता खालिद मशाल की वर्चुअल भागीदारी ने राजनीतिक भूकंप ला दिया है। इस मुद्दे पर बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन INDIA को आड़े हाथों लिया है और केरल पुलिस पर सवाल उठाया है। दरअसल केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में कई रैलियां हो रही हैं। इसमें खालिद मशाल ने शुक्रवार को भाग लिया था। केरल में जमात-इस्लामी की युवा शाखा सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
हमास नेता खालिद मशाल कौन है?
खालिद मशाल हमास पोलित ब्यूरो का संस्थापक सदस्य है और 2017 तक अध्यक्ष भी रहा है। कई सालों तक, खालिद मशाल हमास का एक प्रमुख लीडर था। बीबीसी के मुताबिक, खालिद मशाल का जन्म वेस्ट बैंक में हुआ था और उसका पालन-पोषण कुवैत और जॉर्डन में हुआ। वह 2004 में निर्वासन के दौरान हमास का राजनीतिक नेता बना।
खालिद मशाल कभी गाजा में नहीं रहा और वह जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्र से काम करता था। इजरायल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, खालिद मशाल अब कतर में है और उसकी कुल संपत्ति 4 बिलियन डॉलर है।
केरल रैली में दिखे विवादित पोस्टर?
सोशल मीडिया पर खालिद के वो वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वह केरल रैली को वर्चुअली संबोधित कर रहा है। कार्यक्रम के फुटेज में बुलडोजर, हिंदुत्व और रंगभेदी यहूदीवाद को उखाड़ फेंको के पोस्टर दिखाई दे रहे हैं।
सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट के राज्य अध्यक्ष सुहैब सीटी ने कहा कि उनकी भागीदारी कानून के तहत अपराध नहीं है क्योंकि हमास भारत में संचालित होने वाला संगठन नहीं है। उन्होंने कहा, 'उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और इजरायल के हमले की निंदा करने के लिए आयोजित हमारे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसमें कुछ भी असामान्य देखने की जरूरत नहीं है।'
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