उत्तराखंड के हल्द्वानी में 21 वर्षीय एक युवती ने बृहस्पतिवार को एक समारोह में भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ विवाह रचाया। इस विवाह की चारों ओर चर्चा हो रही है। भगवान कृष्ण को वर के तौर पर पाने के लिए पिछले 15 सालों से करवा चौथ का व्रत कर रही हर्षिका पंत की सुबह साढ़े दस बजे गाजे बाजे के साथ बारात आई। कुमाऊंनी रीति रिवाज के अनुसार भगवान कृष्ण का दरवाजे पर स्वागत किया गया, फिर वरमाला हुई और सात फेरे हुए। यहां आयोजित विवाह समारोह में शामिल अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी की गयी थीं।
अपनी मांग में कान्हा के नाम का भरा सिंदूर
विदाई होने के बाद युवती हर्षिका कान्हा की मूर्ति को लेकर कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची। विवाह समारोह में पहुंचे लोगों ने दावत खाई और शगुन का टीका लगाकर हर्षिका को सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। रस्मों के दौरान हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों तक साथ रहने की कसमें खाईं और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर भरा।
11 जुलाई को धूमधाम से हुई शादी से पहले बुधवार को घर में मेहंदी और हल्दी का कार्यक्रम भी हुआ जिसमें सभी रिश्तेदार और आसपास के लोग शामिल हुए।
दिव्यांग है हर्षिका, शरीर का निचला हिस्सा नहीं करता काम
हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने कहा कि बेटी की भगवान कृष्ण से शादी करवा दी है और अब भगवान कृष्ण उनके दामाद हैं। उन्होंने कहा कि आज से उनके घर में भगवान कृष्ण विराजमान रहेंगे। पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हर्षिका दिव्यांग है और उसके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता उसे अपने दैनिक कार्यों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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