हल्द्वानी: भारत के एक छोटे से शहर को धर्म के नाम पर भड़काया जा रहा है। ये शहर उत्तराखंड का हल्द्वानी है जहां दावा किया जा रहा है कि मुसलमान खतरे में हैं। आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी की सरकार उनके घर गिराने जा रही है जबकि हकीकत ये है कि ये पूरी कार्रवाई अतिक्रमण की वजह से हो रही है। क्योंकि आरोप है कि इन लोगों ने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है। अब रेलवे अपनी जमीन खाली करवा रही है लेकिन इस जमीन पर 95 प्रतिशत की आबादी मुसलमानों की है इसीलिए आगे के कुछ दिनों के लिए यहां राजनीतिक मसाला तैयार हो रहा है।
शाहीन बाग की तरह प्रदर्शन और धरने शुरू
उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन में मजहब का एंगल आ गया है। यहां धर्म की स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है, यहां भी शाहीन बाग की तरह प्रदर्शन और धरने शुरू हो गए हैं। टूलकिट तैयार है और इसमें साउथ के असदुद्दीन ओवैसी भी कूद गए हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों के मुताबिक, शाहीन बाग वाले अंदाज में हो रहे इस प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया गया था। ज्यादातर वीडियो में लड़कियों को पढ़ाई से वंचित किए जाने और महिलाओं को बेघर होने की दुहाई देते सुना जा सकता है।
कुमाऊं रेंज के डीआईजी का बड़ा बयान
वहीं, आपको बता दें कि हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाए जाने के खिलाफ मुस्लिम समाज आज पंचायत कर रहा है। वहीं, पुलिस ने अतिक्रमण हटाने की तैयारी पूरी कर ली है। उत्तराखंड के कुमाऊं रेंज के डीआईजी ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय से हल्द्वानी में तैनाती के लिए और पुलिस फोर्स की मांग की गई है। पुलिस की 14 कंपनियों के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स और RPF भेजने को कहा गया है। कुल मिलाकर हल्द्वानी में पुलिस के करीब 4 से 5 हजार जवान तैनात किए जाएंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
27 दिसम्बर, 2022 को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में स्थित गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। इसके लिए कोर्ट ने प्रशासन को हफ्ते भर का वक्त दिया था। इसी आदेश में कोर्ट ने प्रशासन से वनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लाइसेंसी हथियर भी जमा करवाने को कहा था। दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट भी रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए इसे जल्द से जल्द खाली करवाने के आदेश दे चुका है।