छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में सिटी कोतवाली पर हुए पथराव के बाद आरोपी हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर चला दिया गया था। शहर के मस्तान साहब कॉलोनी में स्थित इस मकान की कीमत करोड़ों में आंकी गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। अब धीरे-धीरे हाजी शहजाद अली की कहानी खुलकर बाहर आ रही है कि कैसे कुछ साल पहले तक ठेले पर पुराने कपड़े का कारोबार करने वाले इस शख्स की प्रॉपर्टी की कीमत करोड़ों में पहुंच गई। इन्हीं सबके बीच इंडिया टीवी ने एक ऐसे शख्स से बात की जिनका दावा है कि शहजाद के भाई फैयाज ने उनकी करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर रखा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि शहजाद ने आतंक के दम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी खड़ी की है।
‘हमारी डेढ़ करोड़ की जमीन पर किया कब्जा’
रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी दीनदयाल असाटी और उनके बेटे शरद असाटी ने हाजी शहजाद अली और उसके भाई फैयाज को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए। दीनदयाल ने बताया कि शहजाद और फैयाज ने इनके डेढ़ करोड़ की जमीन पर कब्जा किया था। उन्होंने कहा, ‘फैयाज,हाजी अली के भाई हैं और इनका काफी आतंक रहा है। जिस समय यह कब्जा किया गया वह हथियार वगैरह लेकर आए थे। मारपीट भी हुई थी। इन भाइयों का बहुत आतंक है। कोई डर के मारे बोलना नहीं चाहता। हम कोर्ट में भी जीते हुए,आदेश भी हैं लेकिन कुछ नहीं हो पा रहा।’
‘फैयाज ऑटो चलाता था, सवारियां ढोता था’
पिता पुत्र ने बताया कि हाजी शहजाद अली और उसका परिवार आज से 20-25 साल पहले ठेले पर पुराने कपड़े का व्यापार करते थे। वहीं, फैयाज लंबा वाला ऑटो चलाता था जिसमें 15-20 सवारियां बैठती थीं। असाटी ने कहा, ‘1988 में जैन साइकिल वाले के मर्डर के बाद ये करोड़पति बन गए और 20-25 साल के अंदर ही आज करोड़ों में खेल रहे। ये मुस्लिम समाज की अदालत लगाते थे और उनकी मदद भी करते थे। प्रशासन इस बात की जांच करे कि पुराने कपड़े बेचकर 20 साल में ये परिवार कैसे अरबपति हो गया।’ असाटी परिवार का कहना है कि वह जमीन उन्होंने 4 लाख में खरीदी थी और आज उसकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये है।
‘केस जीने के बाद भी नहीं मिल पाई जमीन’
छतरपुर की चौबे कॉलोनी इलाके में रहने वाले दीनदयाल असाटी सरकारी विभाग में उपनित्री से रिटायर हुए थे। इनका दावा है कि इन्होंने 2008 में अपनी पत्नी कल्पना के नाम से नया रोड पर रिलायंस पेट्रोल पंप के पास 2800 वर्ग फीट का प्लॉट खरीदा था। इस जमीन पर उन्होंने बाउंड्री वॉल भी बनाई लेकिन असाटी के मुताबिक 2010 में छतरपुर पथराव मामले के आरोपी हाजी शहजाद अली के भाई फैयाज और उसकी गैंग ने फर्जी कागज बनाकर जमीन पर कब्जा किया। फर्जी कागज के आधार पर उन्होंने कोर्ट में केस भी किया लेकिन असाटी परिवार जीत गया। केस जीतने के बाद भी जमीन का कब्जा फैयाज और उसकी गैंग के पास है।
‘1.5 करोड़ की जमीन 2 लाख में खरीदना चाहता था’
असाटी परिवार की जमीन नेशनल हाईवे पर है और इसकी अनुमानित कीमत डेढ़ करोड़ रुपये बताई जाती है। दावे के मुताबिक, फैयाज ने इसे महज 2 लख रुपये में खरीदने की धमकी दी थी। असाटी परिवार के मुताबिक, 2008 में 35×80 (2800) वर्ग फुट जमीन नौगांव रोड पर नेशनल हाईवे पर राजकुमार चौरसिया से ली गई थी। प्लॉट पर बाउंड्री वॉल भी बनाई गई और इसी दौरान वहां पर रशीद अहमद नाम का शख्स गुर्गों के साथ आया और जमीन पर कब्जा कर दिया। रिपोर्ट दर्ज करने के कुछ दिन बाद पुलिस ने जगह खाली करवा दी लेकिन 2-3 दिन बाद उन्होंने फिर कब्जा कर लिया।
‘थाने में सुनवाई नहीं होती है, प्रशासन भी उनका’
असाटी ने बताया कि बैंक से लोन लेकर जमीन खरीदी थी और रिटायर होने के बाद अब बहुत दुख होता है। उन्होंने कहा कि थाने में कोई सुनवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा, ‘थाने में कहते हैं पटवारी को ले आओ, इनको ले आओ, प्रशासन भी उनके साथ है। ये रेत का भी 2 नंबर का काम करते हैं।’ असाटी ने कहा कि इलाके में शहजाद और फैयाज का आतंक वैसा ही है जैसा किसी जमाने में यूपी में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और मुख्तार अंसारी का हुआ करता था।