Friday, November 22, 2024
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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले पर SC का फैसला, वाराणसी के जिला जज करेंगे सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने इस मामलो को अब वाराणसी जिला जज के पास भेज दिया है। पूरा मामला अब जिला आदालत में ही चलेगा।

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: May 20, 2022 16:16 IST
yanvapi Masjid Case- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO yanvapi Masjid Case

Highlights

  • गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में टल गई थी सुनवाई
  • वाराणसी कोर्ट की गुरुवार की कार्यवाही पर भी लग गई थी रोक
  • मुस्लिम पक्ष ने की थी गुरुवार को ही सुनवाई करने की गुहार

Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने इस मामलो को अब वाराणसी जिला जज के पास भेज दिया है। पूरा मामला अब जिला आदालत में ही चलेगा। दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट की गुरुवार की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी। 

बनारस की चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी। इसके साथ शीर्ष कोर्ट ने वाराणसी की निचली कोर्ट को निर्देश दिया कि तब तक वाराणसी की सिविल अदालत इस मामले में कोई आदेश न दे। इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने कहा कि वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन अस्वस्थ हैं, इसलिए ज्ञानवापी मामले की सुनवाई शुक्रवार को की जाए। 

इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से मौजूद वकील हुजेफा अहमदी ने कहा था कि मामला अर्जेंट होने के कारण इसे गुरुवार को ही सुना जाए। अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को सील करने के लिए देशभर में कई आवेदन दायर किए गए हैं। वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है और वजुखाना के चारों ओर एक दीवार को गिराने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है। अहमदी ने कहा कि वह एक वकील के बीमार होने के आधार पर सुनवाई स्थगित करने का विरोध नहीं कर सकते, लेकिन एक वचन दिया जाना चाहिए कि हिंदू भक्त सिविल कोर्ट की कार्यवाही के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे।

इस पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वे पीठ को आश्वासन दे रहे हैं कि हिंदू पक्ष वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे। इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस सूर्य कांत व जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने जैन के कथन को रिकॉर्ड पर लिया और आदेश पारित करते हुए सिविल कोर्ट को मामले की सुनवाई शुक्रवार तक आगे नहीं करने को कहा। 

क्या है पूजा स्थल अधिनियम 1991 

1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने पूजा स्थल कानून बनाया था। इस एक्ट की धाइस एक्ट की धारा-3 किसी भी पूजा या उपासना स्थल की स्थिति में बदलाव पर रोक लगाने की बात कहती है। कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस अवस्था में वह वैसा ही बना रहेगा। वहीं धारा-4 में कहा गया है कि किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने के संबंध में कोई मुकदमा नहीं दाखिल किया जा सकता है।

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