Highlights
- जहरीली शराब कांड की जांच हाईकोर्ट के जज से करवाई जाए
- नकली शराब का सेवन करने से राज्य में अब तक 42 लोगों की जान चली गई
- जहरीली शराब कांड को लेकर गुजरात सरकार पर कांग्रेस हुई हमलावर
Gujarat Liquor Case: कांग्रेस ने गुजरात में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की घटना को लेकर शुक्रवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि गुजरात में भाजपा सरकार के संरक्षण में नशे का कारोबार हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ड्राई स्टेट गुजरात में ज़हरीली शराब पीने से कई घर उजड़ गए। वहां लगातार अरबों रुपए के मादक पदार्थ भी बरामद हो रहे हैं। यह बेहद चिंता की बात है। बापू (महात्मा गांधी) और सरदार पटेल की धरती पर, ये कौन लोग हैं जो धड़ल्ले से नशे का कारोबार कर रहे हैं? इन माफिया को कौन सी सत्ताधारी ताक़तें संरक्षण दे रही हैं?
गुजरात सरकार से प्रियंका का सवाल
उल्लेखनीय है कि गुजरात में शराबबंदी कानून लागू है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सवाल किया, ‘‘गुजरात में जहरीली शराब के चलते 45 से अधिक लोगों की मृत्यु का जिम्मेदार कौन है? ऊपर से शराबबंदी का लेबल लगाकर, शराब के अवैध कारोबार को संरक्षण सरकार के कौन लोग दे रहे हैं?’’ उन्होंने कहा कि बापू की धरती इन सवालों के जवाब चाहती है। भाजपा सरकार अवैध शराब के कारोबार को सरंक्षण के सवाल से भाग रही है।
जहरीली शराब कांड के पीछे सत्ताधारी दल के नेताओं का हाथ -पवन खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तथाकथित शराबबंदी वाले गुजरात में जहरीली शराब पीने की वजह से 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।’’ उनके अनुसार, ‘‘यह जानकारी सामने आई है कि बोटाद जिले में 600 लीटर ‘मिथाइल अल्कोहल' (मेथेनॉल) अहमदाबाद से लाया गया था। उसके बाद इसमें पानी मिलाकर जिले के विभिन्न इलाकों में बेच दिया गया, जिसके सेवन से या तो लोगों की जान चली गई या उनके गुर्दे खराब हो गए।’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘एक ड्राई स्टेट में इतना सब कुछ हो जाए और स्थानीय पुलिस-प्रशासन को भनक तक नहीं लगे, यह संभव नहीं है। जरूर इसके पीछे सत्ताधारी दल के नेता, पुलिस-प्रशासन और शराब माफियाओं की मिलीभगत रही होगी। यह सिर्फ आरोप नहीं है बल्कि इसके पीछे ठोस आधार भी है।’’ उन्होंने कहा कि रोजीद गांव के सरपंच लगातार प्रशासन को पत्र लिख कर बता रहे थे कि गांव में सरेआम देसी शराब की बिक्री हो रही है।
इतना बड़ा मामला हो गया पर सरकार की तरफ से कोई देखने तक नहीं आया
कांग्रेस नेता ने कहा कि इतना बड़ा मामला हुआ, करीब 50 लोगों की जान चली गई, 100 से ज्यादा लोग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं लेकिन न तो गृह मंत्री, न मुख्यमंत्री और न ही प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों से मुलाक़ात की, जबकि प्रधानमंत्री गुजरात में ही हैं। जहरीली शराब कांड की उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि जिस पुलिस पर आरोप है यदि वही जांच करेगी तो जांच का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से अधिकतर गरीब थे और घर चलाने की उन पर जिम्मेदारी थी। ऐसे परिवारों को समुचित मुआवजा दिया जाए। इस घटना में जिनकी आंखों की रोशनी चली गई है या गुर्दे खराब हो गए हैं उनके लिए मुफ्त और बेहतर इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए।
जहरीली शराब से अब तक 42 लोगों की मौत
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बुधवार को कहा था कि 25 जुलाई को प्रदेश के बोटाद में जहरीली शराब पीने के वहां और पड़ोसी अहमदाबाद जिले में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि भावनगर, बोटाद और अहमदाबाद में कम से कम 97 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।