बीते साल खेड़ा जिले में गरबा कार्यक्रम में पथराव करने के आरोपियों की सरेआम पिटाई करने वाले पुलिस वालों पर गुजरात हाई कोर्ट ने सख्त एक्शन लिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी पुलिस वालों को 14 दिनों की जेल की सजा दी है। पुलिस ने सजा न देने और युवकों को मुआवजा देने की बात कही थी लेकिन फिर भी कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 4 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के खेड़ा जिले के उंधेला गांव में नवरात्रि के गरबा कार्यक्रम पर पथराव हुआ था। पुलिस ने पथराव करने के आरोप में कई मुस्लिम युवकों को हिरासत में लिया था। इसके बाद पुलिस ने कुछ आरोपी युवकों को खंभे से बांधकर सार्वजनिक रूप से उनकी पिटाई की थी। अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला देते हुए पिटाई करने वाले पुलिस वालों को सजा सुनाई है।
इन्हें मिली सजा
पूरे मामले में गुजरात हाई कोर्ट से सजा पाने वाले गुजरात पुलिस के अधिकारियों के नाम के एवी परमार (इंस्पेक्टर), डीबी कुमावत (सब-इंस्पेक्टर), केएल डाभी (हेड कांस्टेबल), और राजू डाभी (कांस्टेबल) बताए जा रहे हैं। आरोपी पुलिस वालों ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि वह पीड़ितों को मुआवजा देने को भी तैयार हैं। लेकिन पीड़ितों ने इसे ठुकरा दिया था। हालांकि, कोर्ट ने सभी को 14 दिन जेल की सजा दी है।
कोर्ट की नाराजगी
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले पर फैसला देते हुए जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस गीता गोपी की पीठ ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोर्ट इस बात से खुश नहीं है कि वह ऐसे आदेश पारित कर रही है जिसमें अधिकारियों को साधारण कारावास से गुजरने के लिए कहा जा रहा है।
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