दिल्ली : साल 2002 के गुजरात दंगों के मामले में "तुरंत आत्मसमर्पण" करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड ने अब शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को राहत दी जाए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ सहमत नहीं हो सकी। न्यायाधीशों ने शनिवार को उसके मामले को बड़ी पीठ के समक्ष रखने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की बड़ी पीठ के पास भेज दिया और सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच आज रात 9.15 पर इस मामले की सुनवाई करेगी। जस्टिस एएस ओका और प्रशांत कुमार मिश्रा ने सीतलवाड के मामले की सुनवाई की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा-72 घंटों में क्या होने वाला है?
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि हाई कोर्ट द्वारा सीतलवाड को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए था। गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीतलवाड को आत्मसमर्पण के लिए समय देने पर आपत्ति जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देने का आदेश पारित किया, वह नौ महीने से जमानत पर हैं। हम सोमवार या मंगलवार को इस मामले पर विचार कर सकते हैं, 72 घंटों में क्या होने वाला है?”
मुख्य न्यायाधीश करेंगे फैसला
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के मामले में तीस्ता सीतलवाड को अंतरिम जमानत देने पर अलग-अलग राय दे रही है। पीठ ने मामले को बड़ी पीठ के समक्ष रखने के लिए मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया।
गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के एक मामले में सीतलवाड की नियमित जमानत याचिका आज खारिज होने के बाद सीतलवाड ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर तुरंत सरेंडर करने को कहा
सीतलवाड पर 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित मामलों में सबूत गढ़ने और गवाहों को प्रशिक्षित करने का आरोप लगाया गया था। इससे पहले दिन में, गुजरात उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2022 में सीतलवाड को अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसके बाद उन्हें गुजरात की साबरमती जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने नियमित जमानत के लिए गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसे अदालत ने शनिवार को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत की अंतरिम जमानत ने सीतलवाड को अब तक गिरफ्तारी से बचा लिया है।
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