Highlights
- राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पांच विधेयकों पर किया हस्ताक्षर
- लोक आयुक्त (संशोधन) विधेयक समेत विवादित विधेयकों को छोड़ा
- केरल सरकार और राज्यपाल के बीच लगातार बढ़ रहा टकराव
Governor Arif Mohammad Khan: केरल सरकार के साथ बढ़ते टकराव के बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को हाल में विधानसभा से पारित पांच विधेयकों पर हस्ताक्षर किए लेकिन लोक आयुक्त (संशोधन) विधेयक समेत विवादित विधेयकों को छोड़ दिया। सूत्रों के अनुसार, जिन विधेयकों पर खान ने हस्ताक्षर किए वे ‘गैर विवादित’ थे। उन्होंने विश्वविद्यालय विधि संशोधन विधेयक को मंजूरी नहीं दी जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल के अधिकारों को कम करना था। राजभवन के सूत्रों ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने जन कल्याण को ध्यान में रखते हुए इन पांचों फाइलों को मंजूरी दी।’’
दिल्ली रवाना होने से पहले विधेयकों पर हस्ताक्षर किए
उन्होंने बुधवार शाम को नयी दिल्ली रवाना होने से पहले विधेयकों पर हस्ताक्षर किए। हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में पारित विवादित लोक आयुक्त (संशोधन) विधेयक और विश्वविद्यालय विधि (संशोधन) विधेयक समेत कुल 11 विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। हालांकि, खान ने बार-बार यह स्पष्ट किया था कि वह इन दो विवादित विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। अन्य चार विधेयकों पर भी फैसला कथित रूप से लंबित है। राजभवन में अप्रत्याशित संवाददाता सम्मेलन करने के दो दिन बाद राज्यपाल का यह कदम सामने आया है।
राज्यपाल ने राज्य सरकार पर लगाया था ये आरोप
इस संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल ने कन्नूर विश्वविद्यालय में 2019 में उनके साथ हुई कथित धक्का मुक्की का वीडियो और विश्वविद्यालय के मामलों में दखल के संबंध में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा लिखे गए पत्रों को जारी किया था। संवाददाता सम्मेलन में खान ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर राजभवन के खिलाफ ‘‘दबाव की राजनीति’’ करने और विरोध के स्वर को दबाने के लिए बलप्रयोग का भी आरोप लगाया था। सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से राज्य में ‘संवैधानिक संकट’ पैदा करने का आरोप लगाया था।