Highlights
- गोवा बार विवाद मामले में स्मृति ईरानी और उनकी बेटी को क्लीन चिट
- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, लाइसेंस के लिए दोनों ने कभी नहीं किया अप्लाई
- हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेताओं से मांगा 18 अगस्त तक जवाब
Goa Restaurant Row: गोवा रेस्टोरेंट बार पर विवाद के बीच दिल्ली हाईकोर्ट से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी उस रेस्टोरेंट की मालिक नहीं हैं और ना ही उन्होंने कभी उस रेस्टोरेंट या बार के संबंध में किसी लाइसेंस के लिए अप्लाई किया। वहीं कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं से 18 अगस्त तक जवाब तलब किया है। कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर ये माना है कि केंद्रीय मंत्री की बेटी ने कभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं दिया। गोवा सरकार द्वारा दिया गया शो कॉज नोटिस भी स्मृति ईरानी की बेटी के नाम पर नहीं जारी किया गया है। पहली नजर में ये लगता है कि याचिकाकर्ता स्मृति ईरानी ने जो कागजात पेश किए हैं वो उनके पक्ष को मजबूत करते हैं।
स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा- हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि बचाव पक्ष के लोगों ने अन्य कुछ लोगों के साथ मिलकर झूठी बातें कहीं। साथ ही साथ स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर निजी हमले भी किए। कोर्ट ने माना कि ऐसा करके स्मृति ईरानी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। कोर्ट के मुताबिक, असली तथ्यों का पता किए बिना बड़े आरोप लगा दिए गए थे, जिसकी वजह से स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा।
जानिए क्या है पूरा मामला
कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में "अवैध बार" चलाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रिमंडल से ईरानी को बर्खास्त करना चाहिए। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के इस आरोप को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए दावा किया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी की ‘‘5,000 करोड़ रुपये की लूट’’ पर उनके मुखर रुख के कारण उनकी बेटी को निशाना बनाया गया है।
कांग्रेस के मीडिया एंड पब्लिसिटी हेड पवन खेड़ा ने मीडिया से कहा था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। गोवा में उनकी बेटी द्वारा चलाए जा रहे रेस्टोरेटं पर शराब परोसने के लिए फ़र्ज़ी लाइसेंस जारी करवाने का आरोप लगा है और यह कोई ‘सूत्रों के हवाले से’ या एजेंसियों द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए लगाया गया आरोप नहीं है, बल्कि सूचना का अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त जानकारी में खुलासा हुआ है।"
कांग्रेस के 3 नेताओं के खिलाफ 2 करोड़ की मानहानि का केस
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने स्मृति ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि मामले में कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को शुक्रवार को समन जारी किया था। कोर्ट ने ईरानी और उनकी बेटी पर लगे आरोपों के संबंध में कांग्रेस नेताओं को सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें हटाने का भी निर्देश दिया था। केंद्रीय मंत्री ईरानी ने उनके और उनकी 18 वर्षीय बेटी के खिलाफ कथित रूप से निराधार आरोप लगाने को लेकर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के हर्जाने की मांग की थी।