पणजी: गोवा के महादेई वन्यजीव अभयारण्य में पिछले 6 दिनों से आग लगी हुई है जिसके फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच ‘लार्ज एरिया एरियल लिक्विड डिस्पर्सन इक्विपमेंट’ से लैस भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर आग को बुझाने की कोशिशों में जुट गए हैं। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कर्नाटक की सीमा से सटे गोवा के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित महादेई अभयारण्य के जंगलों में पिछले 6 दिनों से कुछ स्थानों पर आग हुई है, जिसे बुझाने के लिए नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने मंगलवार और बुधवार को कई उड़ानें भरीं।
‘हेलीकॉप्टरों ने 17 टन पानी का छिड़काव किया’
भारतीय नौसेना के गोवा नौसैनिक क्षेत्र ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘गोवा में जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने में राज्य प्रशासन की लगातार मदद कर रहे हैं। भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने 8 मार्च को कई उड़ानें भरीं। उन्होंने कोर्टलिम और मोरलेम में लगभग 17 टन पानी का छिड़काव किया।’ मोरलेम महादेई वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा है, जबकि कोर्टलिम वह स्थान है, जहां बुधवार को आग लगने की सूचना मिली थी। इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता की थी।
‘7 मार्च से ही आग बुझाने की कोशिशों में जुटे’
नेवी ने ट्वीट में कहा, ‘6 मार्च को राज्य के वन विभाग से जंगलों में आग लगने की सूचना मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने मुंबई और कोच्चि से फौरन इस अभियान में हेलीकॉप्टरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ‘लार्ज एरिया एरियल लिक्विड डिस्पर्सन इक्विपमेंट’ (LAALDE) भेजे। LAALDE से लैस हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों में 26 से अधिक उड़ानें भरीं। दुर्गम इलाके में चलाए जा रहे इस जटिल अभियान के तहत पास के तालाब से पानी लेकर प्रभावित क्षेत्रों में उसका छिड़काव किया जा रहा है। नेवी के हेलीकॉप्टर गोवा के अधिकारियों के साथ मिलकर 7 मार्च की सुबह से ही आग बुझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।’
दमकल और वन विभाग से नहीं रुक पाई आग
इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने कहा था कि अगर जांच में वन रक्षक अपनी ड्यूटी में लापरवाही के दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई आग लगाने के लिए जिम्मेदार होगा तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा। सांवत ने मंगलवार रात को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DMA) की बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान आग की जानकारी उन्हें दी गई। उन्हें बताया गया कि प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करने के लिए नौसेना के हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। बता दें कि दमकल व आपात सेवा एवं वन विभाग के अधिकारी आग को अन्य इलाकों में फैलने से रोकने में असफल रहे थे।
काजू की खेती करने के लिए लगाई आग!
गोवा के मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि यह आशंका है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर आग लगाई हो ताकि काजू की खेती की जा सके जो कि गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि आग लगने की वजहों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित वन रक्षकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। सावंत ने कहा, ‘अगर कोई वनरक्षक अपनी ड्यूटी में लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो उसे तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा।’ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री ने वन मंत्री विश्वजीत राणे और विधायक दिव्या राणे के साथ प्रभावित इलाके का दौरा भी किया।