Highlights
- भाजपा की गोवा इकाई के चुनाव प्रभारी फडणवीस बोले, कांग्रेस एक ‘साइकिल पार्टी’
- स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पहले नेता
- जानें- कैसे कांग्रेस चुनाव से पहले पहुंची संकट में
नयी दिल्ली: गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 40 सदस्यीय सदन में 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन ना तो कांग्रेस सरकार बना पाई और ना ही अपने जीते विधायकों को एकजुट रख पाई। 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास कुल 17 विधायक थे, जो अब आगामी विधानसभा 2022 से पहले महज दो पर सिमट गई है।
हालांकि, पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खुद को मजबूत दिखाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने से वह विचलित नहीं है। बीते सोमवार को गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको ने भी पार्टी छोड़ दी। पिछले पांच सालों में कांग्रेस के कुल 15 विधायकों ने पार्टी छोड़ा है।
कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पिछले सप्ताह कुल 8 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची की घोषणा की थी, जिसमें लौरेंको का भी नाम शामिल था। लौरेंको के इस्तीफे से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोवा इकाई के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, ‘‘कांग्रेस तीन पहियों वाली एक ‘रिक्शा पार्टी’ बनकर रह गई है और जल्द ही वो केवल 2 विधायकों के साथ एक ‘साइकिल पार्टी’ में बदल जााएगी।’’
फडणवीस ने दावा किया था कि प्रतापसिंह राणे भी कांग्रेस छोड़ देंगे, लेकिन अभी तक वो कांग्रेस में हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका 2019 में लगा था, जब विपक्ष के तत्कालीन नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में 10 विधायकों का एक समूह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया था। कांग्रेस गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह से खत्म होती हुई दिखाई दे रही है। जैसे-जैसे चुनाव निकट आ रहे हैं, एक के बाद एक- लगातार विधायक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव के बाद गोवा के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पहले नेता थे। उन्होंने विधायक के तौर पर शपथ लेने के कुछ ही देर बाद इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते ने भी पार्टी छोड़ दी। ये तीनों नेता उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर फिर से निर्वाचित हुए थे। हाल में पूर्व मुख्यमंत्रियों लुइजिन्हो फलेरियो और रवि नाइक ने भी कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी। पार्टी में अब केवल प्रतापसिंह राणे और दिगम्बर कामत बचे हैं। ये दोनों भी पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गोवा में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को लेकर मंगलवार को पार्टी की गोवा इकाई पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 15 विधायक बिक गए हैं और दो विधायकों का ‘आखिरी स्टॉक’ ‘भारी छूट’ के साथ उपलब्ध हैं। हालांकि, विधानसभा में विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी 2022 में जीत हासिल करेगी।
वहीं, सत्तारूढ़ दल बीजेपी फिर से सत्ता में वापसी के लिए कमर कसी हुई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को गोवा दौरे के दौरान कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने दक्षिण गोवा के क्यूपेम में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कहा, "5-7 साल पहले यहां एक साल में 25 लाख पर्यटक आते थे और आज 80 लाख पर्यटक आ रहे हैं। अभी तक यह 'पर्यटन स्थल' है आगे चलकर यह 'पर्यटक धार्मिक स्थल' भी बनेगा यह भी मैं आपसे वादा करता हूं।"
नड्डा ने कहा, "प्रमोद सावंत के नेतृत्व में अपराध दर 101% घट गया है। यह मैं नहीं बोल रहा हूं, यह NCRB बता रहा है। अपराध का पता लगाने में गोवा सबसे आगे हैं। गोवा में 93% 'क्राइम डिटेक्शन' हो रहा है।"
इनपुट- एजेंसी