Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद 04 सितंबर को जम्मू में अपनी पहली रैली करने जा रहे हैं। उसी दिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय राजधानी में 'महंगाई पर हल्ला बोल' कार्यक्रम करने वाले हैं। गांधी की रैली के दिन ही जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे आजाद के इस कार्यक्रम से यह देखने वाली बात होगी कि क्या उस दिन कुछ और खुलासे होंगे या आरोप-प्रत्यारोप होंगे, जिस पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। आजाद कह चुके हैं कि उनका त्यागपत्र बस शुरुआत है। यह इस बात का संकेत है कि वह आने वाले दिनों में गांधी परिवार पर अपना प्रहार तेज करेंगे।
कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई में इस्तीफा देने का सिलसिला जारी
वहीं, कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई में इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है और मंगलवार को एक पूर्व उपमुख्यमंत्री सहित पार्टी के करीब 64 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया और वे गुलाम नबी आजाद के खेमे में शामिल हो गए। पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद के नेतृत्व में इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संयुक्त रूप से अपना त्याग पत्र भेजा है और इसमें कहा है, "हम सभी का दशकों तक पार्टी के साथ बहुत लंबा जुड़ाव रहा, लेकिन दुर्भाग्य से,हमने पाया कि हमारे साथ किया गया बर्ताव अपमानजनक है।"
आजाद के करीबी रहे रसूल वानी ने की दलबदलुओं की आलोचना
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख एवं कभी आजाद के करीबी रहे वी. रसूल वानी ने दलबदलुओं की आलोचना की और कहा कि मुश्किल समय में सिर्फ कायर लोग ही भागते हैं। उन्होंने कहा, "आजाद के वफादार लोग पार्टी छोड़ देंगे, लेकिन ऐसे हजारों लोग हैं, जो कांग्रेस के वफादार हैं और पार्टी में बने रहेंगे।"
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (73) ने कुछ दिन पहले कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया। वह पार्टी से पांच दशक तक जुड़े रहे थे। उन्होंने दावा किया था कि पार्टी व्यापक रूप से नष्ट हो चुकी है। आजाद ने इसके पूरे परामर्श तंत्र को कथित तौर पर ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की थी। आजाद के इस्तीफे के बाद से कई प्रमुख नेता उनके समर्थन में पार्टी छोड़ चुके हैं, जिनमें एक पूर्व सांसद, एक पूर्व उप मुख्यमंत्री, सात पूर्व मंत्री सहित 15 पूर्व विधायक शामिल हैं।