उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले की अदालत ने एक जर्मन नागरिक को कड़ी सजा सुनाई है। जर्मन नागरिक को वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद वैधता तिथि में हेराफेरी करने और धोखाधड़ी का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने जर्मन नागरिक को 14 महीने की जेल और 500 रुपये के आर्थिक जुर्माने की सजा दी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक यादव ने सोमवार को ये फैसला दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
क्या है पूरा मामला?
इस केस के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सतीश वर्मा ने कहा कि साल 2017 में स्थानीय खुफिया इकाई के सब इंस्पेक्टर सीताराम ने जर्मनी के बर्लिन शहर के रहने वाले नागरिक होल्गर एरिक मिश की जांच की थी। जांच में पता लगा था कि होल्गर की वीजा की अवधि पहले ही समाप्त हो गई थी। आरोपी होल्गर ने अपने वीजा में छेड़छाड़ करते हुए उसकी वैधता तिथि में हेरफेर किया था।
किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?
मामले की जांच करने और वीजा में हेरफेर पाए जाने के बाद पुलिस की ओर से आरोपी जर्मन नागरिक एरिक मिश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420 (धोखाधड़ी) तथा 14 ए विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। केस की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
जुर्माना न देने पर अतिरिक्त जेल
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी को दोषी पाते हुए 14 महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि जुर्माना न देने पर जर्मन नागरिक को सात दिन की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी। अदालत ने आरोपी द्वारा पूर्व में जेल में बितायी गई अवधि को सजा में जोड़ने का भी आदेश दिया है। (इनपुट: भाषा)
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