Highlights
- चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी यानी CoSC के चेयरमैन बने नरवणे
- जनरल रावत के निधन के बाद खाली थी पोस्ट
नई दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को देश का नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाए जाने की अटकलों के बीच बुधवार को उन्हें चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (COSC) का चेयरमैन बना दिया गया है। उन्होंने 'चीफ आफ स्टाफ कमेटी' के चेयरमैन का पदभार संभाला लिया है, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल होते हैं। तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी वाली कमेटी के चेयरमैन की यह पोस्ट देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में असामयिक निधन के बाद से खाली पड़ी थी। हालांकि जनरल नरवणे की नियुक्ति की अभी तक रक्षा मंत्रालय ने ऑफिशियल पुष्टि नहीं की है।
बता दें कि सीडीएस एक चार स्टार सैन्य अधिकारी होता है, जो भारतीय सेनाओं के अधिकारियों में से चुना जाता है। सीडीएस शक्तिशाली चीफ आफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन होता है जिसमें तीनों सेना प्रमुख शामिल होते हैं। लद्दाख में गतिरोध से निपटने समेत समग्र प्रदर्शन के आधार पर सीडीएस के रूप में जनरल नरवणे की नियुक्ति की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। इसके अलावा वह तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि नए CDS को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन जनरल नरवणे को तीनों सेनाओं के प्रमुखों में सबसे सीनियर होने की वजह से COSC चेयरमैन बनाया गया है और इससे उनका अगला CDS बनने का दावा और ज्यादा मजबूत हो गया है।
जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को सेना प्रमुख का पद संभाला था और आगामी अप्रैल यानि पांच महीने में ही वह रिटायर होने वाले हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बीते 30 सितंबर तो एडमिरल आर. हरिकुमार ने अभी 30 नवंबर को ही नौसेना प्रमुख का पद संभाला है। ऐसे में अनुभव और वर्तमान में सीमा पर चुनौतियों को देखते हुए जनरल नरवणे को ही अगले सीडीएस की दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य तनातनी के लंबे और चुनौतीपूर्ण दौर को जनरल नरवणे ने काफी परिपक्वता से हैंडल भी किया है।
गौरतलब है कि देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश के दुखद हादसे में निधन हो गया था, जब वे अपनी पत्नी और 12 अन्य सैन्य अफसरों के साथ तमिलनाडु के कुन्नूर में एक कार्यक्रम में जा रहे थे। उनका MI-17V5 हेलिकॉप्टर उतरने की जगह से महज 7 किलोमीटर पहले अचानक जंगलों में गिर गया। इस हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी व 11 अन्य अफसर मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि इकलौते घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का 8 दिन अस्पताल में इलाज के बाद बुधवार को निधन हो गया।