Highlights
- सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए।
- अंतिम यात्रा में लोग कई जगहों पर नम आंखों के साथ पुष्पवर्षा करते दिखे।
नयी दिल्ली: हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को शुक्रवार को दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने मुखाग्नि दी। उनकी अस्थियां शनिवार को हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। पारिवारिक सदस्यों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जनरल रावत की छोटी बेटी तारिणी ने कहा, "हम कल उनकी अस्थियां लेकर हरिद्वार जाएंगे।" तारिणी ने अपनी बड़ी बहन कृतिका के साथ आज अपने माता-पिता के अंतिम संस्कार से संबंधित अनुष्ठान कार्य किए।"
जनरल रावत के छोटे भाई एवं पूर्व सैन्य अधिकारी विजय रावत ने कहा, ‘‘हम कल उनकी अस्थियों को हरिद्वार ले जाएंगे। हम परिवार के सदस्य उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वेलिंगटन में समारोह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु जाने से पहले मैंने उनसे बात की थी। कभी नहीं सोचा था कि किस्मत उन्हें हमसे दूर ले जाएगी।’’
हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। तिरंगे में लिपटे ताबूत में रखे जनरल रावत के अवशेषों को जैसे ही फूलों से सजी तोपगाड़ी में गाड़ी रखा गया, लोगों ने फूलों की पंखुड़ियों की बौछार की और भारत माता की जय, वंदे मातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा, रावत जी का नाम रहेगा और जनरल रावत अमर रहें जैसे नारे लगाए।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। 3, कामराज मार्ग से निकली अंतिम यात्रा में लोग कई जगहों पर नम आंखों के साथ पुष्पवर्षा करते दिखे। इस अंतिम यात्रा में आम लोगों के साथ ही पड़ोसी देश श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल के टॉप कमांडर भी शामिल हुए। जनरल बिपिन रावत किस कद के सैन्य अधिकारी थे, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इजरायल, अमेरिका, फ्रांस और रूस समेत कई देशों ने उनकी मौत पर शोक जाहिर किया है।
लोगों ने अंत्येष्टि स्थल पर भी ऐसे ही नारे लगाए। बुधवार को, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया था।