Highlights
- पहले अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और रवि पुजारी के साथ काम करता था सुरेश पुजारी
- सुरेश पुजारी ने बाद में अपना गिरोह बना लिया था
- पुलिस से बचने के लिए विदेश भाग गया था सुरेश पुजारी
मुंबई: मुंबई और कर्नाटक में जबरन वसूली के कई मामलों में वांछित गैंगस्टर सुरेश पुजारी को भारत लाया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को पुजारी को दिल्ली में हिरासत में ले लिया और ठाणे शहर में उसके खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में उसे मुंबई लाया गया है। पुजारी मुंबई और इसके पास के इलाकों ठाणे, कल्याण, उल्हासनगर और डोंबिवली में भी जबरन वसूली के मामलों में वांछित है। अधिकारी ने बताया कि उसे फ़िलीपीन्स से प्रत्यर्पित करने के बाद मंगलवार देर रात भारत लाया गया है।
उन्होंने बताया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने पुजारी के दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजकुमार शिंदे के नेतृत्व में एटीएस की टीम मंगलवार शाम पुजारी को हिरासत में लेने दिल्ली गई थी। अधिकारी ने बताया कि उसे बुधवार सुबह विमान से मुंबई लाया गया। उन्होंने कहा कि ठाणे शहर में पुजारी के खिलाफ दर्ज सभी मामले राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय के आदेश पर महाराष्ट्र एटीएस को स्थानांतरित कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच एटीएस करेगी। अधिकारी ने कहा कि मुंबई लाने पर पुजारी को उसकी हिरासत के लिए यहां एक अदालत में पेश किया गया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एटीएस के बाद, मुंबई पुलिस पुजारी के खिलाफ महाराष्ट्र की राजधानी में दर्ज मामलों के सिलसिले में उसे हिरासत में लेगी। मुंबई और ठाणे पुलिस ने जबरन वसूली के कई मामलों के बाद 2017 और 2018 में उसके खिलाफ ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी किया था।
अधिकारी ने बताया कि पुजारी 15 वर्षों से अधिक समय से फरार था और उसे अक्टूबर में फिलीपीन्स में पकड़ा गया था। उसके खिलाफ ठाणे में जबरन वसूली के कुल 23 मामले दर्ज हैं। सुरेश गैंगस्टर रवि पुजारी का करीबी रिश्तेदार है और 2007 में उससे अलग हो गया था। इसके बाद वह विदेश भाग गया था।
उन्होंने कहा कि अपराध के क्षेत्र में अपने शुरुआती दिनों में उसने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और रवि पुजारी के साथ काम किया था और बाद में अपना खुद का गिरोह बना लिया था।