Highlights
- देश में ओमिक्रॉन के 2 मामले मिलने से बढ़ी चिंता, सरकार अलर्ट मोड पर
- Omicron वेरिएंट 5 गुना ज्यादा तेजी से फैल सकता है- स्वास्थ्य मंत्रालय
- हमने बच्चों के टीकाकरण में देरी की है, उन्हें टीकाकरण से वंचित करने वाली हमारी पॉलिसी हम पर उल्टा असर कर सकती है- डॉक्टर
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के विरुद्ध लडाई में बच्चे सबसे कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं। दिल्ली में स्थित देश के बड़े गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर धीरेन ने आगाह किया है कि बच्चों में अभी तक वैक्सीन टीकाकरण नहीं हुआ है ऐसे में वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कमजोर कड़ी हो सकते हैं। डॉ. धीरेन ने यह भी कहा है कि बच्चों को स्कूल भेजने से पहले हमें एकबार फिर से सोचने की जरूरत है। देश में ओमिक्रॉन के 2 मामले सामने आने के बाद से चिंता बढ़ गयी है।
गंगाराम हॉस्पिटल के डॉक्टर धीरेन ने कहा कि जिन बच्चों का टीकाकरण नहीं हो रहा है, वे शायद कोविड-19 से लड़ाई में सबसे कमजोर कड़ी हो सकते हैं। हमने बच्चों के टीकाकरण में देरी कर दी है। उन्हें टीकाकरण से वंचित करने वाली हमारी पॉलिसी हम पर उल्टा असर कर सकती हैं। हमें उन्हें स्कूल भेजने से पहले सोचना चाहिए। भारत में ओमिक्रॉन वायरस का मिलना तय था। भारत में लोगों को शांत और संयमित रहने की जरूरत है लेकिन साथ ही हमें सतर्क भी रहना चाहिए। शुरुआती रिपोर्ट्स के आधार पर हम कह सकते हैं कि यह दूसरे वेरिएंट्स की तुलना में हल्का वायरस है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल ने कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कहा कि भारत में आज ओमिक्रॉन 'वैरियंट ऑफ कंसर्न' की पुष्टि हो गई है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पहले दो मामले है, जो आपस में जुड़ी दुनिया को देखते हुए अप्रत्याशित नहीं थे, जिसमें हम रहते हैं। वहीं डॉक्टर पूनम ने आगे बताया कि यह सभी देशों को निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देता है। सतर्क रहें और तेजी से पता लगाएं और वायरस के और प्रसार को रोकने के लिए उपाय करें। उन्होंने ये भी कहा कि ओमिक्रॉन सहित सभी वैरिएंट के लिए उपाय, कोरोना के समान हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के तरीकों के बारे में बताया है। मंत्रालय ने कहा है कि WHO के मुताबिक मास्क के इस्तेमाल, हैंड हाइजीन, फिजिकल डिस्टैंसिंग जैसे उपाय अपनाकर इस वेरिएंट से बचा जा सकता है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि RTPCR टेस्ट Omicron को डिटेक्ट कर सकता है और वैक्सीन के साथ अन्य सभी उपाय करने जरूरी हैं। बता दें कि वायरस के इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले साउथ अफ्रीका में हुई थी और उसके बाद से कई देशों में इससे संक्रमित मरीज मिल चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीका से लौटे 2 लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि Omicron वेरिएंट 5 गुना ज्यादा तेजी से फैल सकता है, इसलिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।