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गीता प्रेस गोरखपुर को मिला साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार, संस्कृति मंत्रालय ने किया ऐलान

संस्कृति मंत्रालय ने आज घोषणा कि साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस गोरखपुर को दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को ये पुरस्कार देने का फैसला किया।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: June 18, 2023 17:37 IST
Gandhi Peace Prize- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO गीता प्रेस को मिला गांधी शांति पुरस्कार

नई दिल्ली: संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस गोरखपुर को दिया जा रहा है। बता दें कि गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा बनाए आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में दिया जाता है। ये 1995 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। गांधी शांति पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग से इतर किसी को भी दिया जा सकता है। गांधी शांति पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये की राशि के साथ एक प्रशस्ति पत्र के साथ और भी कई चीजें दी जाती हैं।

पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने गीता प्रेस को चुना

संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने 18 जून, 2023 को विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का फैसला किया। ये पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है।

इन संगठनों को भी मिल चुका है गांधी शांति पुरस्कार
बताते चलें कि इससे पहले गांधी शांति पुरस्कार इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी, अक्षय पात्र, बेंगलुरु, एकल अभियान ट्रस्ट, भारत और सुलभ इंटरनेशनल, नई दिल्ली जैसे संगठनों को भी दिया जा चुका है। 

इन विदेशी शख्सियतों को भी मिला पुरस्कार
इसके अलावा ये पुरस्कार स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. जूलियस न्येरेरे, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. ए.टी. अरियारत्ने, सर्वोदय श्रमदान आंदोलन, श्रीलंका के संस्थापक अध्यक्ष, डॉ. गेरहार्ड फिशर, जर्मनी संघीय गणराज्य, बाबा आमटे, डॉ. जॉन ह्यूम, आयरलैंड, वाक्लेव हवेल, चेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू, श्री चंडी प्रसाद भट्ट और योही ससाकावा, जापान को भी प्रदान किया जा चुका है। हाल के पुरस्कार विजेताओं में सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (2020), बांग्लादेश शामिल हैं।

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