Highlights
- कुछ अजनबियों ने दिए थे कस्तूरबा गांधी को 4 रुपये
- आश्रम में चोरों के आने से हुआ खुलासा
- नवजीवन अखबार में गांधी जी ने लिखकर बताया था किस्सा
Gandhi Jayanti: आज 2 अक्टूबर को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद कर रहा है। उनकी जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हो रहे हैं। गांधी जी के आदर्शों और उनके द्वारा दिखाए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर आज पूरी दुनिया चलने की कोशिश करती है। जितना सम्मान गांधी जी का भारत में होता है उतना ही गांधी जी को विदेशों में याद किया जाता है। आज उनकी 153वीं जयंती है और आइए जानते हैं उनका एक ऐसा किस्सा जब वो मात्र 4 रुपए के लिए अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी से नाराज हो गए थे।
महात्मा गांधी ने 1929 में एक लेख में इस घटना का खुद खुलासा किया था। घटना का उल्लेख उनके द्वारा प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र नवजीवन में छपा था। गांधी जी बताते हैं कि एक बार वो अपनी पत्नी कस्तूरबा से इसलिए नाराज हो गए थे क्योंकि उन्होंने गलत तरीके से अपने पास चार रुपये रखे थे।
कुछ अजनबियों ने दिए थे 4 रुपये
गांधी जी बताते हैं कि कुछ अजनबियों ने कस्तूरबा को 4 रुपये भेंट किए थे। नियम के हिसाब से उन्हें यह 4 रुपए आश्रम में जमा कराने थे। लेकिन ऑफिस में पैसे देने के बजाय, उन्होंने उस रकम को अपने पास रख लिया। हालांकि गांधीजी आगे यह भी कहते हैं कि, “एक या दो साल पहले, उसने (कस्तूरबा) अपने पास एक या दो सौ रुपये रखे थे जो विभिन्न अवसरों पर विभिन्न व्यक्तियों से उपहार के रूप में प्राप्त हुए थे। आश्रम के नियम हैं कि किसी द्वारा मिली कोई भेंट कोई भी ऐसे ही अपने पास नहीं रख सकता। इसलिए उस वक्त उन चार रुपयों को अपने पास रखना गैरकानूनी था।”
चोरों के आने से हुआ खुलासा
नवजीवन अखबार में गांधी जी द्वारा लिखे लेख के अनुसार, गांधी जी आगे कहते हैं, "पत्नी के 'अपराध' का खुलासा तब हुआ जब एक दिन कुछ चोर आश्रम में घुसे। सौभाग्य से वे जिस कमरे में घुसे, उन्हें वहां कुछ नहीं मिला। हालांकि जब यह बात आश्रमवासियों को मालूम हुई तो कस्तूरबा काफी घबरा गईं और अपने द्वारा छिपाई उस रकम को देखने के लिए उत्सुक हो गई।" गांधी जी आगे बताते हैं कि पता चलने के बाद, कस्तूरबा ने पैसे वापस कर दिए और कसम खाई कि वह ऐसा आगे कभी नहीं होगा। जिसके बाद उन्होंने कसम खाई अगर आगे फिर कुछ ऐसा होता है तो वे गांधीजी और आश्रम को छोड़ देंगी।