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Gaganyaan Mission: अगले साल अंतरिक्ष जाएंगे भारतीय मूल के लोग, गगनयान मिशन की तैयारी पूरी, जानें केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने और क्या कहा

Gaganyaan Mission: पहले ट्रायल के तहत मानव रहित विमान भेजा जाएगा। दूसरे ट्रायल में महिला रोबोट अंतरिक्ष में भेजी जाएगी। इन दोनों ट्रायल के आधार पर तीसरा मिशन होगा, जिसमें भारतीय मूल के एक या 2 लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। पहला ट्रायल साल 2

Written By: Rituraj Tripathi
Updated on: July 11, 2022 8:33 IST
Gaganyaan Mission- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE/PTI Gaganyaan Mission

Highlights

  • अगले साल भारतीय मूल के 1 या 2 मानवों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा
  • पहला ट्रायल खाली होगा, दूसरे में एक महिला रोबोट(अंतरिक्ष यात्री) को भेजा जाएगा
  • इन दोनों मिशन के आधार पर तीसरे मिशन में हमारे अंतरिक्ष यात्री जाएंगे

Gaganyaan Mission: भारत अपने गगनयान मिशन की तैयारी कर चुका है। अगले साल ही भारतीय मूल के एक या 2 लोग अंतरिक्ष में जाएंगे। इस बात की जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दी है। उन्होंने कहा, 'अगले साल भारतीय मूल के 1 या 2 मानवों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। हमारी गगनयान (Gaganyaan) की तैयारी हो चुकी है। उससे पहले इस साल के आखिर तक 2 ट्रायल किए जाएंगे। पहला ट्रायल खाली होगा और दूसरे में एक महिला रोबोट(अंतरिक्ष यात्री) को भेजा जाएगा। इसका नाम व्योममित्र रखा गया है। इन दोनों मिशन के आधार पर तीसरे मिशन में हमारे अंतरिक्ष यात्री जाएंगे'

क्या है योजना 

दरअसल पहले ट्रायल के तहत मानव रहित विमान भेजा जाएगा। दूसरे ट्रायल में महिला रोबोट अंतरिक्ष में भेजी जाएगी। इन दोनों ट्रायल के आधार पर तीसरा मिशन होगा, जिसमें भारतीय मूल के एक या 2 लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। पहला ट्रायल साल 2022 के बीच में होगा। साल के आखिर में व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। इस रोबोट को इसरो ने विकसित किया है। बता दें कि पीएम मोदी ने साल 2018 में एक भाषण के दौरान कहा था कि साल 2022 तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री गगनयान (Gaganyaan) की सवारी कर सकेगा। ऐसे में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान साइंस की दुनिया में भारत की नई सफलता की कहानी कह रहा है।

भारतीय वायुसेना के 4 पायलटों ने रूस में ट्रेनिंग पूरी की

गगनयान (Gaganyaan) के लिए भारतीय वायुसेना के 4 पायलटों ने रूस में ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इसमें एक ग्रुप कैप्टन है, बाकी तीन विंग कमांडर हैं। इन्हें गगननॉट्स (Gaganauts) कहा जाएगा। इन लोगों को मॉस्को के पास जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण दिया गया है। 

अंतरिक्ष में कितने दिन की यात्रा 

पीएम मोदी की तरफ से गगनयान मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। ऐसे में अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा करेंगे। उन्हें पृथ्वी के लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा। बता दें कि ISRO ने मिशन गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था। 

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