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सुनक के होटल का कोडनेम 'समारा' तो बाइडेन का क्या? जानें जी20 में कैसे की गई थी मेहमानों की सुरक्षा

जी20 सम्मेलन में आए मेहमानों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाए गए कोडवर्ड्स को गृह मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया गया था। इन कोड्स की जानकारी केवल विषेश अधिकारियों को ही दी गई थी।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Subhash Kumar Updated on: September 12, 2023 11:27 IST
Rishi sunak and joe biden- India TV Hindi
Image Source : ANI ऋषि सुनक और जो बाइडेन।

भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है। भारत की मेजबानी में हुए इस साल के जी20 सम्मेलन को अब तक का सबसे भव्य और सफल सम्मेलन माना जा रहा है। अब सम्मेलन के बाद विदेशी मेहमानों को दी गई हाईटेक सुरक्षा की बातें भी बाहर आ रही हैं। ऐसे में खुलासा हुआ है कि सभी मेहमानों और उनके होटल को एक स्पेशल कोडवर्ड भी दिया गया था। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...

बाइडेन-सुनक के कोडवर्ड का खुलासा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जिस होटल में रुके थे, सुरक्षा एजेंसियों ने उसका कोडनेम समारा रखा था। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जिस मौर्य शेरेटन होटल में रुके थे उसका नाम पंडोरा रखा गया था। ली मेरिडियन का नाम महाबोधी तो वहीं, ताज मान सिंह होटल का नाम पैरामाउंट रखा गया था। इसके साथ ही एजेंसियों ने राजघाट का नाम रुद्रपुर और प्रगति मैदान का नाम निकेतन रखा था। 

मेहमानों को रेनबो कोड
जी20 सम्मेलन में आए सभी विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए 'रेनबो 1 से 31' तक का कोड रखा गया था। यूके के मेहमान का कोड रेनबो-28, नीदरलैंड के मेहमान का रेनबो-8 और अमेरिका के मेहमान का कोड रेनबो-29 रखा गया था। इसके साथ ही आकस्मिक कोड की भी व्यवस्था की गई थी। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी मेडिकल या ऑपरेशनल इमरजेंसी के दौरान घबराहट पैदा न हो। 

किनके पास था कोडवर्ड?
जी20 सम्मेलन में आए मेहमानों की सुरक्षा के मद्देनजर बनाए गए कोडवर्ड्स को गृह मंत्रालय की देखरेख में तैयार किया गया था। इन कोड्स की जानकारी केवल दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी यूनिट, एसपीजी और कम्युनिकेशन यूनिट को ही थी। पूरे जी20 के दौरान इन कोडवर्ड्स को बेहद सीक्रेट तरीके से रखा गया था। यहां तक की जूनियर लेवल पर पुलिस स्टाफ को भी इन कोडवर्ड्स की भनक नहीं थी।

क्यों बनाए जाते हैं कोड?
किसी भी देश की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ऐसे कोडवर्ड्स इसलिए रखे जाते है ताकि मूवमेंट के दौरान लोकेशन और विदेशी मेहमान के नाम और लोकेशन को सीक्रेट रखा जा सके। वायरलेस पर भी इन्हीं कोडवर्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि सुरक्षा में चूक न हो सके।

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