भारत के विभिन्न राज्यों में इस वक्त भीषण गर्मी के कारण लोगों की हालत खराब हो रही है। दिल्ली एनसीआर समेत कई क्षेत्रों में तो लू का रेड अलर्ट घोषित किया गया है। दूसरी ओर गर्मी के महीने में आग लगने की घटनाओं में भी अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन आग लगने की घटनाओं के पीछे का कारण क्या है? आम तौर पर हम आग लगने को भगवान की मर्जी या प्राकृतिक घटना मान लेते हैं। लेकिन इसके पीछे मानव का योगदान भी काफी अधिक है। आइए जानते हैं आ लगने के कुछ बड़े कारण के बारे में।
शॉर्ट सर्किट है बड़ी समस्या
गर्मी के महीने में ज्यादातर घरों में बड़ी संख्या में एसी, पंखे, कूलर समेत तरह-तरह के बिजली से चलने वाले उपकरण प्रयोग किए जाते हैं। गर्मी के मौसम में आग लगने की घटना में बड़ा हाथ शॉर्ट सर्किट का होता है। गर्मी में तापमान काफी ज्यादा होता है। इस कारण इलेक्ट्रिक उपकरण भी काफी गर्म हो जाते हैं। इस कारण इन उपकरणों में शॉर्ट सर्किट की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।
ओवरलोडिंग भी है कारण
गर्मी के महीने में भारी संख्या में इलेक्ट्रिक उपकरणों के उपयोग के कारण ओवरलोडिंग हो जाती है जो कि बड़ी आग का कारण बनती है। ओवरलोडिंग के कारण बिजली की वायरिंग भी जल जाती है। इसके अलावा ट्रांसफर्मर जल जाते हैं और गर्मी के कारण तार भी टूटने का खतरा रहता है। ऐसे में कोई एक चिंगारी भी बड़ी आग क कारण बनकर सामने आती है।
जंगलों में आग
गर्मी के महीने में शुष्क मौसम के कारण जंगलों में भी काफी आग लगने की घटनाएं देखने को मिलती हैं। दरअसल, जंगल में कई ऐसे पेड़ होते हैं जिनके आपस में टकराने से चिंगारी निकलती है और आग लग जाती है। हालांकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि जंगल में लगी ज्यादातर आग मानव निर्मित होती है। नई घास उगाने के लिए कई बार किसान पुरानी घास में आग लगा देते हैं। कई बार कहीं पर लकड़ी जलाकर छोड़ देने से भी जंगलों में आग फैलती है।
ये भी पढ़ें- चार धाम यात्रा में अब तक 20 की मौत, 50 साल से ज्यादा की उम्र के श्रद्धालुओं के लिए आया ये नियम
ऑनलाइन स्केमस्टर्स ने महिला को यूं किया डिजिटल अरेस्ट, हड़पे करोड़ रुपये; चौंकाने वाला मामला