नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस बार मुख्य अथिति फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं। वह भारत कब आएंगे, यह अभी साफ़ नहीं हुआ है। लेकिन उनके भारत आने से पहले हलचल शुरू हो गई है। इसी क्रम में आज शुक्रवार को फ्रांसीसी राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने ने नई दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण
बता दें कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के भविष्य के लिए दोनों नेताओं के दृष्टिकोण के लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा के दौरान भविष्य की प्रौद्योगिकियों, साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष के वैश्विक कॉमन्स पर कई मसलों पर बातचीत की जाएगी। इसके अलावा कई समझौते भी किए जा सकते हैं।
पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आने वाले थे
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गणतंत्र दिवस समारोह में मेहमान बनकर आने की खबरें थीं,लेकिन वे रिपब्लिक डे समारोह में शामिल होने में असमर्थता जता दी थी। इसके बाद भारत सरकार ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति को इन्विटेशन भेज दिया था। मैक्रों ने इसे स्वीकार भी कर लिया था और वह भारत आ रहे हैं।
अब तक ये फ्रांसीसी राष्ट्राध्यक्ष हो चुके हैं शामिल
साल 1976 में फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जैक्स शिराक रिपब्लिक डे में शामिल होने होले पहले नेता थे। इसके बाद 1980 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी’एस्टेंग, 1998 में राष्ट्रपति जैक्स शिराक, 2008 में राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और 2016 में राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भारत के गणतंत्र दिवस में शामिल हो चुके हैं। भारत ने अब तक सबसे ज्यादा फ्रांसीसी नेताओं को ही अपने रिपब्लिक डे में आमंत्रित किया है।