सीबीआई ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की शिकायत पर सरकारी नौकरी के नाम पर जैसे फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, टेरिटोरियल आर्मी, इंडियन रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रिक्रूटमेंट रैकेट चलाने के मामले में केस दर्ज करके जांच शुरू की है। सीबीआई ने भारतीय सेना से डिसमिस किए जा चुके एक सिपाही बबलू चौहान जो कि आर्मी में हाउस कीपर के तौर पर काम कर रहा था, इसके अलावा एक फील्ड वर्कर, 9 प्राइवेट लोग और अज्ञात पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई की एफआईआर में क्या लिखा?
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक गैंग के लोग ऐसे लोगो से संपर्क करते थे जो टेरिटोरियल आर्मी, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस, इंडियन रेलवे, फूड कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया में नौकरी चाहते थे। ऐसे लोगो को नौकरी का वादा करने के बाद दूसरे आरोपी डिसमिस हो चुके सिपाही से संपर्क करते थे। केन्डिडेट्स के पैसे डिसमिस हो चुके सिपाही के एकाउंट में ट्रांसफर की जाती थी। पैसे लेने के बाद भी किसी केंडिडेट की नौकरी नहीं लगी, आरोपी ने केन्डिडेट्स से साढ़े पांच लाख रुपए लिए थे।
पैसे के बदले नौकरी का वादा, लेकिन मिली नौकरी
सीबीआई के मुताबिक इससे पहले 2019 में इसी सिपाही ने CFN जो नसीराबाद में 298 फील्ड वर्क क्राफ्टमैन की पोस्ट में भी 8 लाख रुपए लेकर नौकरी का वादा किया था। जांच में सामने आया कि केन्डिडेट्स ने लगभग 1 करोड़ 43 लाख रुपए डिसमिस हो चुके सिपाही और उसकी पत्नी के एकाउंट में ट्रांसफर किए थे। आरोपी ने एक फर्जी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी बनाया हुआ था, जिसमे एक आरोपी रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर इंडियाज रेलवे में नौकरी दिलाने का वादा करता था।
सस्पेंड सिपाहियों ने नौकरी का वादा कर उड़ाए पैसे
2020 में निकाले जा चुके सिपाही ने कुछ केन्डिडेट्स को फूड कॉर्पोरेशन में नौकरी का वादा करके उन्हें प्रयागराज हाईकोर्ट में मिलने बुलाया था। वहां सभी आरोपियों से उनके दस्तावेज मांगे गए। सभी से कहा गया नौकरी के लिए डाक्यूमेंटेशन का काम हो रहा है। सभी से पेपर लेकर वो प्रयागराज से फरार हो गया। आरोपी ने राहुल द्रविड नाम के एक रिश्तेदारों को भी केन्डिडेट्स से मिलवाया था, ये कहकर कि राहुल द्रविड ईस्टर्न रेलवे में डीआरएम की पोस्ट में तैनात है। केन्डिडेड्स को बताया गया कि इंडियन रेलवे कलकत्ता में 5 नौकरियां है।